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जोधपुर

जोधपुर के इन स्कूलों में शिक्षिकाओं को पढ़ाई से ज्यादा दूध गर्म करने की चिंता, जानिए क्यों?

हाल ए शिक्षा विभाग

जोधपुरAug 18, 2018 / 09:38 pm

Abhishek Bissa

In schools of Jodhpur, the teachers worry about heating milk more than

जोधपुर के इन स्कूलों में शिक्षिकाओं को पढ़ाई से ज्यादा दूध गर्म करने की चिंता, जानिए क्यों?


जोधपुर. अब सरकारी स्कूलों में सप्ताह में तीन दिन की बजाय छह दिन दूध पिलाए जाने की शुरुआत होगी। लेकिन शहर की कई स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए दूध गर्म करने व उनको सर्व करने के लिए कुक कम हैल्पर (बाई) का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। फिलहाल ये जिम्मेदारी भी शिक्षकों के भरोसे है क्योंकि अधिकांश प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि योजना अच्छी है, लेकिन व्यवस्था संपूर्ण नहीं होने के कारण फिलहाल उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं शिक्षकों के दूध उबालने व वितरण कार्य में लग जाने से शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। अन्नपूर्णा दूध योजना कक्षा १ से ८ के विद्यार्थियों के लिए है। जिन विद्यालयों में सेंट्रल कीचन से खाना जाता है, उन विद्यालयों में पांच सौ रुपए में कोई कुक कम हैल्पर तैयार नहीं हो रहा है। वहीं गांव की स्कूलों में कुक कम हैल्पर ही खाना बनाने व दूध गर्म करने का काम कर रहे हैं। इसलिए गांव की सरकारी स्कूलों में कोई दिक्कत नहीं आ रही है। जोधपुर शहर की दो सेंट्रल कीचन से ३९४ विद्यालयों में ४५ हजार बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार होकर जाता है। इसके अलावा शहर के निकट के कुछ गांवों के स्कूलों में भी मिड डे मील सेंट्रल कीचन से तैयार होकर जाता है।
व्यवस्थित काम नहीं

‘आने वाले दिनों में रोजाना दूध पिलाने का कार्य होगा। इसको लेकर भी कुक कम हैल्पर का कोई मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। अभी कुक कम हैल्पर का मानदेय कम है। इन सभी बातों के मद्देनजर योजना शुरू होनी चाहिए थी। ये योजना बहुत अच्छी है, लेकिन फिलहाल व्यवस्थित नहीं है।
– लक्ष्मण दान चारण, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
इनका कहना

‘शहर में धीरे-धीरे प्रबंध हो रहा है। आने वाले दिनों में दूध सप्ताह में छह दिन पिलाया जाएगा। एेसे में मानदेय में
अपेक्षित वृद्धि होगी। फिलहाल योजना को लेकर कोई शिकायत नहीं है।- धर्मेन्द्र कुमार जोशी, डीईओ प्रारंभिक

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