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जोधपुर

पौलेंड में फंस गए भारतीय छात्र, अब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन रास्ते बंद

भारतीय मूल के सैकड़ों लोग पौलेंड में फंसे हुए हैं। 11 मार्च को जब वहां हालात बिगडऩे लगे को कई लोग अपने देश लौट आए, लेकिन कई फंस गए। व्रेकलॉ यूनिवर्सिटी पौलेंड में पढऩे वाले हार्दिक ने बताया कि उनके कई दोस्त हैं जो राजस्थान के उदयपुर, गुजरात और देश के अलग-अलग कोने से हैं। घरों में बंद हैं, सामान मिल नहीं रहा। सब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन सभी रास्ते बंद हैं।

जोधपुरMar 30, 2020 / 05:14 pm

Harshwardhan bhati

indian students get stuck in poland due to coronavirus outbreak

पौलेंड में फंस गए भारतीय छात्र, अब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन रास्ते बंद

जोधपुर. अपने घरों में कैद हैं, सब्जियां और जरूरत का सामान मिल नहीं रहा। यहां की सरकार भी पहले स्थानीय लोगों की मदद कर रही है। कोरोना वायरस संक्रमण अब यहां धीरे-धीरे काफी फैल रहा है। यह बात जोधपुर निवासी और हाल पौलेंड में रहकर इलेक्टोनिक्स एंड कम्प्यूटर इंजीयनियरिंग की पढ़ाई करने वाले हार्दिक शर्मा ने पत्रिका के साथ साझा की।
भारतीय मूल के सैकड़ों लोग पौलेंड में फंसे हुए हैं। 11 मार्च को जब वहां हालात बिगडऩे लगे को कई लोग अपने देश लौट आए, लेकिन कई फंस गए। व्रेकलॉ यूनिवर्सिटी पौलेंड में पढऩे वाले हार्दिक ने बताया कि उनके कई दोस्त हैं जो राजस्थान के उदयपुर, गुजरात और देश के अलग-अलग कोने से हैं। घरों में बंद हैं, सामान मिल नहीं रहा। सब घर लौटना चाहते हैं, लेकिन सभी रास्ते बंद हैं।
भारतीय दूतावास से सम्पर्क किया तो उन्होंने मदद का आश्वासन दिया, मगर अब तक मदद नहीं पहुंची। अब वहां संंक्रमण का खतरा काफी बढ़ रहा है, इसलिए भारतीय वंश के लोगों का डर भी बढ़ रहा है। हार्दिक जोधपुर के पावटा सी रोड के रहने वाले हैं व उनके पिता रोहित कुमार शर्मा शिक्षा विभाग में कार्यरत है, वह सितम्बर 2018 से वहां है।
एक तो भाषा अलग व दूसरा अस्पताल में सहायता भी नहीं
वहां के स्थानीय बाजार व अस्पतालों में अंग्रेजी समझने वाले भी कम है। ज्यादार पोलिश भाषा बोलते हैं जो प्रवासी विद्यार्थियों के समझ से बाहर है। हार्दिक ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके एक भारतवंशी दोस्त का एक्सीडेंट हो गया। इलाज करवाने अस्पताल गए तो वहां कहा गया कि पहले उनके देश के लोगों का इलाज करेंगे, बाद में उनका नम्बर आएगा।

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