पहला केस : आईटीआई में अध्यनररत एक छात्र, जिसने जुलाई २०१७ में परीक्षा दी। उसके ऑनलाइन परिणाम से छात्र को गड़बड़ी का पता चला। अंकतालिका में पेपर प्रथम को पास करने के लिए न्यूनतम ८८ नम्बर लाने थे, जबकि छात्र के पेपर प्रथम में ९२ नम्बर आए। इसके बाद भी अंकतालिका में पेपर प्रथम में फेल घोषित कर दिया।
दूसरा केस : एक छात्र जिसके पेपर प्रथम में पास होने के लिए न्यूनतम ८८ नम्बर में से ८४ नम्बर आए। इसे ४ नम्बर का ग्रेस देकर पास किया जा सकता था, क्योंकि छात्र दूसरे सभी विषयों में पास था। फिर भी उसे फेल कर दिया गया। इसी तरह के केस में दूसरे छात्र के उसी विषय में ८३ नम्बर प्राप्त हुए और उसे ५ नम्बर के ग्रेस से पास कर दिया। नियमानुसार छात्र को सात नम्बर तक का ग्रेस मिल सकता है।
करवा दिया जाएगा सुधार थ्योरी व सेशनल में अलग-अलग पास होना जरूरी है। दोनों में पास होने के बाद ही छात्र पास होता है या नम्बर कम पडऩे पर ग्रेस दिया जाता है। फिर भी कोई गड़बड़ी है, तो इसका कारण ओएमआर सीट त्रुटि या सॉफ्टवेयर की गडबड़ी हो सकती है। हालांकि परिणाम अपडेट होगा व अंकतालिका पर आपतियां आने के बाद जांच करवा गड़बड़ी होने पर सुधार करवा दिया जाएगा। इसके बाद भी किसी छात्र को आपत्ति है, तो छात्र उत्तर पुस्तिका देखने के लिए आवेदन कर सकता है।