– स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को प्रमोट किया जाएगा, लेकिन उन्हें अंकतालिका नहीं मिलेगी। द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष की परीक्षा देने के बाद उनके औसत अंकों के आधार पर प्रथम वर्ष की अंकतालिका स्नातक पूरी होने के बाद दी जाएगी।
– स्नातक द्वितीय वर्ष में प्रथम वर्ष के औसत अंक और 5 प्रतिशत बोनस अंक देकर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
– स्नातक तृतीय वर्ष पर कोई निर्णय नहीं।
– स्नातकोत्तर में सेमेस्टर सिस्टम है। द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को प्रथम सेमेस्टर के औसत अंक देकर तृतीय सेमेस्टर में प्रमोट किया जाएगा।
– स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर पर कोई निर्णय नहीं।
– अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षण संस्थान (एआइसीटीई) ने इंजीनियङ्क्षरग की परीक्षाएं करवाने को कहा है। ऐसे में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने पर सहमति हुई।
– राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) ने भी बीएड परीक्षाएं करवाने को कहा है। ऐसे में विवि बीएड परीक्षा भी ले सकता है।
– राष्ट्रीय फार्मेसी परिषद् (एनसीपी) के कारण डी. फार्मा की परीक्षाएं भी ली जाएगी।
– बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विधि के छात्रों की परीक्षाएं लेने को कहा है। ऐसे में एलएलबी और एलएलएम की परीक्षाएं करवाई जा सकती है।
– राज्य सरकार ने स्नातक प्रथम वर्ष मे 10वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर अंक देकर प्रमोट करने को कहा था ताकि पूरे प्रदेश में एकरुपता बनी रही लेकिन जेएनवीयू स्नातक खत्म होने पर प्रथम वर्ष के अंकों की गणना करेगा।
– पूरे प्रदेश में केवल जेएनवीयू ने ही प्रमोट के नियम जारी किए हैं, जबकि राजस्थान विवि जयपुर, मोहनलाल सुखाडिय़ा उदयपुर, एमडीएस अजमेर, महाराजा गंगासिंह विवि बीकानेर ने अभी तक कोई निर्णय नहीं किया। ऐसे में प्रमोट करने के नियम में एकरुपता नहीं रहेगी।
– स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के लिए राज्य सरकार ने मूल्यांकन प्रक्रिया बताने को कहा था लेकिन जेएनवीयू ने कोई निर्णय नहीं लेकर सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दिया।
लॉकडाउन के दौरान जेएनवीयू में 100 से अधिक शोधार्थियों ने अपने थीसिस जमा करवा दी है। अब उन्हें मौखिक परीक्षा का इंतजार है जो बाहरी परीक्षक लेते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अधिकांश बाहरी वीक्षक मना कर रहे हैं। ऐसे में अब ऑनलाइन माध्यम से ही मौखिक परीक्षा लेने का निर्णय किया गया है ताकि पीएचडी डिग्री नहीं रुके।