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जोधपुर

एआईसीटीई को एमबीएम में ‘No Admission’ करने का अधिकार ही नहीं, जेएनवीयू पर लागू होंगे यूजीसी के नियम!

एआईसीटीई के नियम की पालना करने की वजह से एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज पर यह संकट खड़ा हुआ है।

जोधपुरApr 17, 2018 / 09:41 am

Gajendrasingh Dahiya

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जोधपुर . अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अधीन संचालित एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के शैक्षणिक सत्र 2018-19 को नो एडमिशन घोषित करने का अधिकार ही नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 2014 में बनाए गए नियमों के अनुसार तकनीकी शिक्षा सहित अन्य सभी पाठ्यक्रम पर आयोग के ही नियम लागू होंगे। जेएनवीयू प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं होने अथवा जानबूझकर एआईसीटीई के नियम की पालना करने की वजह से एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज पर यह संकट खड़ा हुआ है। जानकारों के मुताबिक एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज नए शैक्षणिक सत्र 2018-19 में पहले की ही तरह बैचलर इन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में छात्र-छात्राओं को प्रवेश दे सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से 25 अप्रेल 2013 को दिए गए निर्णय के बाद यूजीसी ने 28 फरवरी 2014 को यूजीसी (एफिलेशन ऑफ कॉलेज ऑफरिंग टेक्निकल एजुकेशन बाय यूनिवर्सिटीज) रेगुलेशन,2014 जारी किया। नए निर्देश में कहा गया है कि विवि के अधीन संचालित तकनीकी कॉलेजों में शिक्षण, परीक्षा, शोध सहित अन्य कार्यों पर एआईसीटीई के नियम बेअसर रहेंगे। इन कॉलेजों पर यूजीसी के नियम ही लागू होंगे। जो तकनीकी कॉलेज विवि के अधीन नहीं है, उन पर एआईसीटीई के नियम लागू होंगे। झुंझनूं के सिंघानिया विश्वविद्यालय ने इस संबंध में जब यूजीसी से स्पष्टीकरण मांगा तो यूजीसी ने सिंघानिया विवि को पत्र लिखकर बताया कि विवि के तकनीकी कॉलेज एआईसीटीई एक्ट-1987 के सेक्शन (2) में नहीं आते हैं। ऐसे में एआईसीटीई विवि के तकनीकी कॉलेजों को न तो नियंत्रित कर सकती है और ना ही सुपरविजन कर सकती है।
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