थानाधिकारी रमेश खिडि़या ने बताया कि घोड़ा घाटी में रावटी क्षेत्र की कुछ महिलाएं व बच्चे घूमने के लिए मण्डोर उद्यान आए थे। सभी घूमने के लिए नागादड़ी के ऊपरी हिस्से में गए, जहां से शाम साढ़े पांच बजे सभी लौटने लगे। इस दौरान जलाशय की सीढि़यों पर लावारिस हालत में मछलियों को डालने वाला आटा रखा नजर आया। 13 साल के एक नाबालिग की उस पर नजर गई। वह आटे की तरफ गया और आटा उठा लिया। जिसे मछलियों को डालने के लिए वह जलाशय की तरफ जाने लगा। वह जलाशय के ठीक बीच में बनी रैलिंग पर गया और वहां से मछलियों का आटा डालने लगा। वह रैलिंग के बीच बने स्थान पर बैठ गया। तभी अचानक वह पानी में गिर गया। इस समय तक घरवाले आगे निकल चुके थे। वहां मौजूद लोगों ने उसे पानी में गिरते देखा तो चिल्लाए। वे घरवालों के पीछे दौड़े और उन्हें बालक के पानी में डूबने की सूचना दी। इस पर सभी घबरा गए। वे जलाशय की तरफ पहुंचे और मदद के लिए चिल्लाने लगे।
पुलिस मौके पर पहुंची और सिविल डिफेंस, मालवीय बंधु गोताखोर भरत मालवीय व भरत चौधरी मौके पर पहुंचे। रात करीब साढ़े आठ बजे तक जलाशय में बालक की तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं लग पाया। अंधेरा होने से तलाश में परेशानी होने पर राहत कार्य रोक दिया गया। अब बुधवार को फिर से तलाश की जाएगी।
सुरक्षा के नाम सिर्फ एक सांकेतिक बोर्ड
नागादड़ी में तैराकी के साथ-साथ कपड़े धोना व नहाने पर रोक है। गंदगी फैलाने पर भी पाबंदी लगा रखी है। इसके लिए जलाशय के किनारे सांकेतिक बोर्ड भी लगा हुआ है, लेकिन वहां सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहते हैं। यही वजह है कि नाबालिग मछलियों को आटा डालने चला गया था और पानी में गिर गया।
परिजन रोने-बिलखने लगे
बालक आटा डालने जाने लगा तो घरवाले रुकने की बजाय आगे निकल गए थे। उन्होंने सोचा कि बालक मछलियों को आटा डालकर आ जाएगा, लेकिन उसके जलाशय में डूबने की सूचना मिली। वे भागकर मौके पर पहुंचे, लेकिन बालक नजर नहीं आया। घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई। वे रोने व बिलखने लग गए।