कालाउना गांव की सुमित्रा (23) रेगर ने रामपुरिया गांव के ओमप्रकाश जाट के साथ अन्तरजातीय विवाह किया था। शुक्रवार दोपहर दोनों ट्रेक्टर से कालाउना गांव के रेगरोंं के मोहल्ले में खेत के लिए मजदूर तय करने के लिए पहुंचे। उसी दौरान सुमित्रा के भाई-बहनों एवं भौजाईयों ने उन पर जानलेवा हमला बोल दिया, ट्रेक्टर से नीचे पटककर दोनों के हाथ-पैर बांध दिए। पिटाई के दौरान ओमप्रकाश के दोनों हाथ व एक पैर तोड़ डाला और गर्भवती सुमित्रा को भी अधमरा कर दिया। गर्भवती होने के कारण वह बेहोश होकर गिर पड़ी और खून बहने लगा।
थानाप्रभारी गौतम जैन के मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि उक्त घटना की जानकारी सूचना मिलते ही थानेदार भंवरलाल मीणा मय जाब्ता घटना स्थल पर पहुंचे, उस समय उक्त दम्पति बेहोशी की हालत में अधमरे पड़े थे और गांव के काफी संख्या में लोग मूकदर्शक बने खड़े थे।
उक्त वारदात की शनिवार तक भी पीडि़तों की ओर से रिपोर्ट नहीं आने पर थानाप्रभारी गौतम जैन ने अपने थाने के थानेदार बलदेवराम चौधरी को जोधपुर के एमडीएम चिकित्सालय भेजा जहां के इमरजेंसी वार्ड में ओमप्रकाश जाट एवं उसकी पत्नि सुमित्रा को भरती किया हुआ था। ओमप्रकाश के परिजनों को घटना की जानकारी होने पर वे भी शनिवार को ही जोधपुर पहुंंचे। जिनकी मौजूदगी में ओमप्रकाश ने सम्पूर्ण घटना की जानकारी थानेदार को दी, जिसमें बताया कि उसको और उसकी पत्नि की निर्ममता से पिटाई करने वालों में उदाराम, घनश्याम, बाहू, मंजू, जीवराज और गजरादेवी के नाम बताए, जिस पर थानेदार ने पर्चा बयान लेकर मामला दर्ज किया।
शनिवार को मामला दर्ज होने के बाद दम्पति की निर्ममता से पिटाई के जिन आरोपियों को शनिवार को यहां न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया था, उन्हें वारदात की विस्तृत जानकारी एवं पूछताछ के लिए पुन: हिरासत में लिया गया ।