मरु प्रादेशिक केन्द्र जोधपुर की स्थापना 1960 में हुई थी। इस कार्यालय का कार्य क्षेत्र राजस्थान और गुजरात राज्यों में प्राणि जाति पर अध्ययन करना है। इसके अन्तर्गत प्रणियों की विभिन्न प्रजातियों की खोज, वर्गीकरण, पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर विस्तार आदि पर शोध करना है। इससे प्राप्त व संकलित आंकड़ों के आधार पर पाई जाने वाली प्रजातियों के संरक्षण में योगदान प्राप्त होता है। यहां के वैज्ञानिकों ने राजस्थान और गुजरात के विभिन्न उद्यान, अभयारण्य सहित इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों पर शोध कार्य किए हैं।
जेडएसआई जोधपुर के प्रभारी अधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि यहां से करीब 800 शोध पत्र, 10 फौना वॉल्यूम, 26 पुस्तकें, 20 मोनोग्राफ और कई पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हुए हैं। कार्यालय में स्थित पुस्तकालय में जीव, जन्तुओं पर 5 हजार से अधिक पुस्तकें और शोध पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध हैं। कार्यालय में परिरक्षित व चर्मपूर्ण जीवों के लिए एक संग्रहालय भी है। इसमें जीव-जन्तुओं को देखने और इनके बारे में जानकारी के लिए छात्र, शोधार्थी आदि आते रहते हैं।
भारतीय प्राणि सर्वेक्षण के मरु प्रादेशिक केन्द्र जोधपुर की ओर से हाल में चंबल नदी एवं अभ्यारण्य के सूखे घास के मैदानों के वन्य जीव, गुजरात के कच्छ जैव मंडल, बीकानेर व जैसलमेर में इंदिरा गांधी नहर परियोजना से छोड़े जाने वाले पानी से बने जलाशयों में मतस्य पर अनुसंधान पर शोध कार्य हुए हैं।