तेज बारिश ने मचाया कहर, जर्जर मकान की पट्टियां गिरने से महिला की मौत उनकी ओर से यदि तुरंत प्रभाव से मरम्मत कार्य या ध्वस्त करने का कार्य नहीं किया जाएगा तो नगर निगम उस जर्जर मकान को अपने स्तर पर गिराएगा। निगम आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि ऐसे लापरवाह मकान मालिकों के विरुद्ध संबंधित थाने में निगम की ओर से एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी। महापौर ओझा और आयुक्त ओला ने रविवार व सोमवार को ध्वस्त हुए दोनों मकानों का मुआयना किया।
नहीं हो रही बारिश फिर भी गिर पड़ा मकान, भीतरी शहर में सहमे लोग अस्पताल से लौटे तो पता चला नहीं रहा छत का सायापिछले 24 घंटे में हुई जोरदार बारिश के बाद सोमवार दोपहर भीतरी शहर में एक इमारत और एक मकान ढह गया। गनीमत रही कि किलारोड स्थित भैरुनाथ कच्ची बस्ती में मकान गिरने से कुछ समय पहले ही उसमें रहने वाले परिवार के लोग चोटिल बच्चे को अस्पताल ले गए थे। जबकि आडा बाजार में तीन मंजिला इमारत का आधा हिस्सा ढहने से दो दुकान, एक मकान और दो मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई। इमारत के इस हिस्से में कोई नहीं रहता था।
नहीं थम रहा बारिश का कहर, मकान में दरार आने से सहमा परिवार, वहां पुंदलू में ढह गया घरोंदा सदर कोतवाली पुलिस के अनुसार किलारोड स्थित भैरुनाथ भील बस्ती में पहाड़ी पर स्थित जर्जर मकान में विक्रम (38) पुत्र नेनाराम भील अपने परिवार के साथ रहता था। सोमवार दोपहर बाद करीब 4 बजे मकान की छत से एक पत्थर बाहर खेल रहे तीन वर्षीय बेटे वरुण पर गिरा। बच्चे के मुंह पर चोट लगने पर परिजन उसे अस्पताल ले गए। इसके कुछ देर बाद मकान ढह गया। विक्रम और परिवार के अन्य सदस्य अस्पताल से वापस आए तो मकान ढहने का पता लगा।
तबाही का मंजर बनने लगी है लगातार बारिश, अब जोधपुर के इन क्षेत्रों में हुए हादसों से दहल उठे लोग खांडाफलसा थाना पुलिस के अनुसार आडाबाजार स्थित तीन मंजिला इमारत का आधा हिस्सा सोमवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक ढह गया। इसके मलबे से पास स्थित रामदास पुत्र बालमुकंद दास का मकान, बंशीलल पुत्र प्रभुलाल प्रजापत, महेश वैष्णव पुत्र बद्रीदास की दुकानें भी ढह गई। मकान के बाहर खड़ी दो मोटरसाइकिल भी मलबे में दबने से क्षतिग्रस्त हो गई। इमारत का आधा हिस्सा जर्जर था और आधा हिस्से में मरम्मत होने के कारण पूरी इमारत नहीं ढही। इसको लेकर नगर निगम ने कई बार मकान मालिक को पूर्व में नोटिस जारी किए थे। गनीमत रही कि हादसे के दौरान दोनों दुकान बंद थी। मकान मालिक का परिवार मरम्मत वाले हिस्से में रहने से बड़ा हादसा टल गया।