पीटी उषा के साथ भी पार्टिसिपेट कर चुकी इस उडऩपुरी ने हाल ही मलेशिया के मलाया शहर में आयोजित मास्टर्स आेपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 4 स्वर्ण पदक जीते हैं। स्नेहा ने ये मेडल्स 100 मीटर, 200 मीटर, लॉन्ग जम्प व ट्रिपल जम्प में हासिल किए हैं। स्नेहा ने अपने खेल कॅरियर में राष्ट्रीय उडऩपरी पीटी उषा के साथ भी पार्टिसिपेट कर चुकी है।
बचपन से ही स्पोट्र्स में रुचि स्नेहा ने बताया कि बचपन से ही उन्हें स्पोट्र्स में रुचि रही है। कोटा में कक्षा तीसरी में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने स्पोट्र्स गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया।
कड़ा अभ्यास किया वर्ष 1989 में पहली बार जूनियर नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लिया। इसके लिए कड़ा अभ्यास किया और आज भी करती हैं। वर्ष 1993 में बारहवीं कक्षा पास करने के बाद पोस्टल एण्ड टेलीग्राफ विभाग में नौकरी लग गई, इसके बाद कॉलेज में फस्र्ट ईयर की पढ़ाई की और स्पोट्र्स के कारण पढ़ाई जारी नहीं रख पाई।
शादी के बाद 150 गोल्ड जीते स्नेहा अब तक 300 से ज्यादा मैडल्स जीत चुकी है, इनमें 259 स्वर्ण पदक, 54 रजत और 16 कांस्य पदक है। इनमें भी 150 गोल्ड पदक तो शादी के बाद चैम्पियनशिप में भाग लेकर जीते हैं।
एशियन रिकॉड्र्स भी उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य 500 स्वर्ण पदक जीतने का है। स्नेहा ने 17 देशों में भाग लेकर देश का नाम रोशन किया है। स्नेहा के नाम एशियन रिकॉड्र्स भी है।
पूरा सपोर्ट व प्रोत्साहन मिला इसके अलावा वर्ष 2008 में अंडर 35 आयु वर्ग में लॉन्ग जम्प 5.16 मीटर का इनका बनाया रिकॉर्ड अभी तक नहीं टूटा है। उन्होंने बताया कि शादी के बाद उनको पति प्रदीप जैन व सास चंचल कंवर का पूरा सपोर्ट व प्रोत्साहन मिला।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्राण्ड एम्बेसेडर एथलीट स्नेहा की खेलों में सक्रियता के कारण राज्य सरकार ने इनको वर्ष 2016 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का जिले का ब्राण्ड एम्बेसेडर भी बनाया है। उन्होंने बताया कि बेटा व बेटी में कोई फर्क नहीं है।
एक बेटा व बेटी मेरे एक बेटा व बेटी हैं। मैं बेटी को भी बेटे की तरह स्वतंत्रता देती हूं। इनकी बेटी आर्ची अंडर 14 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में नेशनल खेल चुकी है और बेटा वंश भी स्टेट खेल चुका है।