सूचना पर वनविभाग व विशेष उडऩदस्ता टीम में सहायक वनसंरक्षक सुनीलकुमार, रेंजर धर्मदास, रविमाथुर, वनपाल पीपाड़ जवानाराम, महिला वनरक्षक निरमा विश्नोई, रामरतन विश्नोई, सुरेश, राजूसिंह व एएसआई हनीफ खां, श्रवणकुमार सहित डीएफ ओ वाइल्ड लाइफ व डीएफ ओ टेरिटोरियल की संयुक्त टीम पहुंची और कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस व वनअधिकारियों के आने की भनक पर आरोपी पुरुष शिकारी फ रार हो गए।
सहायक वनसंरक्षक जोधपुर सुनीलकुमार व विश्नोई महासभा के ओमप्रकाश लोल ने बताया कि ग्रामीण वन्यप्रेमी बगदाराम सीरवी, रामदीन नैण व मनोज नैण ने दोपहर में वनबागोरियों द्वारा वन्यजीवों का शिकार करने की घटना व मांस बेचने की सूचना पर अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची।
उन्होंने डेरों की तलाशी ली तो तीन टोपीदार बंदूकें, छर्रे, कच्चा मांस, हिरण सहित वन्यजीवों के खुर, सींग व खाल बरामद किए। मौके से तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर मेडिकल करवाया। उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मौके से कच्चा व पक्का मांस भी मिला। महिला आरोपियों से डेरों में से कुल्हाड़ी, चाकू, कूट, बाइक भी बरामद की। दबिश के दौरान बर्तनों में मांस पकाया जा रहा था। इस दौरान राकेशनैण, अशोक पूनिया, मानाराम मायला, सम्पतराज, सुनिल भंडारी, सुनील जालेली, मोहनराम जाट सहित कई वन्यप्रेमी मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार तीन महिला शिकारियों सहित डेरों में रहने वाले सभी वनबागोरियों के परिवार वालों के पास पहचान के कोई दस्तावेज नहीं मिले। खेत में सात अस्थाई डेरे मिले। ये वनबागारियों संबाडिय़ा, बीरावास व घाणामगरा की कांकड़ की रखवाली के लिए खेत में रुके थे। उड़न दस्ते टीम को देखकर करीब पांच सौ मीटर दूरी से डेरों में रहने वाले शिकारी मोटरसाइकिलें लेकर भाग गए।
वन मंत्री ने ली मामले की जानकारी
मामले को लेकर वन मंत्री सुखराम विश्नोई व उनके ओएसडी आलोक सेन ने सीसीएफ जयपुर व वन विभाग के अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। मौके से भागे शिकारियों को शीघ्र पकडऩे की बात कही। विश्नोई टाइगर फोर्स के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में बिना पूरी जांच-पड़ताल के अपने खेतों में डेरों में रहने वाले लोगों को पनाह नहीं देनी चाहिए, ऐसा करने से शिकार की घटनाएं बढ़ती हैं ।