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जोधपुर

सीएम गहलोत के गृहनगर जोधपुर को थी 600 करोड़ के मेगा बजट की आस, अब सिर्फ इतनी राशि से ही चलाना पड़ेगा काम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत दिनों अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया था। इसमें उन्होंने अपने गृहनगर का खासा ध्यान रखते हुए कई सौगातें भेंट की हैं। लेकिन फिर भी 600 करोड़ की आस लगाए बैठे जोधपुर के लिए यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है।

जोधपुरFeb 22, 2020 / 12:02 pm

Harshwardhan bhati

अविनाश केवलिया/जोधपुर. इस बजट में हमारे चार मेगा प्रोजेक्ट को संजीवनी नहीं मिली है। जो पुरानी उम्मीदें थी उन्हें वेटिंग में रखते हुए नई उम्मीदें जगाई गई है। प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार के अंश के रूप में 25 प्रतिशत का प्रावधान है। इसमें यदि कुछ प्रोजेक्ट में सरकार इस अंशदान की घोषणा करती थी तो काफी राहत मिलती। अभी जोधपुर में सीधे 175 करोड़ के कार्य करवाने की घोषणा हुई है। यह लागत कुछ और अपग्रेडेशन होने पर बढ़ सकती है। लेकिन चार बड़े प्रोजेक्ट के लिए करीब 600 करोड़ से अधिक राशि की जोधपुर को सख्त आवश्यकता थी। लेकिन फिलहाल इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा।
जिस प्रोजेक्ट में सबसे ज्यादा पैसा मिला
– 59 करोड़ सडक़ों के लिए
– 46 करोड़ एमडीएम ओपीडी ब्लॉक
– 20 करोड़ एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज विकास
– 11 करोड़ नए वार्ड निर्माण पर
– 10 करोड़ कैंसर केयर यूनिट
– 9 करोड़ होम्योपैथिक कॉलेज
– 5 करोड़ शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय विकास
– 5 करोड़ डेयरी प्रोद्योगिकी
– 5 करोड़ टाउन हॉल मरम्मत
– 3 करोड़ हैंडीक्राफ्ट एक्सपो
– 1-1 करोड़ की पशु चिकित्सालय व डीपीआर ऑडिटोरियम
– 10 लाख खेजड़ली स्मारक
– 175 करोड़ कुल आंकड़ों में
वह जो शहर को चाहिए था
– 11 सौ करोड़ से अधिक की एलिवेटेड रोड, 25 प्रतिशत अंश के तहत 250 करोड़ से अधिक राज्य सरकार के खाते में आते हैं। प्रारंभिक किश्त जारी 100-150 करोड़ की हो सकती थी।
– राजीव गांधी लिफ्ट केनाल 1400 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट है। राज्य सरकार का 25 प्रतिशत अंश है। यह प्रोजेक्ट जायका के तहत पूरा करना है। इस वित्तीय वर्ष में 150-200 करोड़ का अंश जारी किया जा सकता था।
– जोजरी में साफ पानी के लिए तीन एसटीपी प्रस्तावित किए हैं। लेकिन पहले से ही दो बने हुए हैं और तीसरा एसटीपी निर्माणाधीन है। डीपीआर के बाद 150 करोड़ प्रस्तावित करने जरूरी थे।
– 765 केवी जीएसएस के लिए प्रारंभिक तौर पर 250 करोड़ से अधिक की राशि की आवश्कता थी।
– कुल 600 करोड़ से अधिक का बजट अपेक्षित था।
अब आगे क्या
– एलिवेटेड रोड की डीपीआर मार्च में फाइनल हो सकती है। इसके बाद क्या होगा अभी स्थिति स्पष्ट नहीं।
– जोजरी रिवर फ्रंट की डीपीआर दो से तीन माह में तैयार होगी। लेकिन आगे क्या होगा इस पर संशय है।
– 765 जीएसएस के लिए जमीन कांकाणी में फाइनल की है। केन्द्र व राज्य से फंड नहीं मिला तो फाइल फिर ठहर सकती है।
– लिफ्ट केनाल में जायका बजट ही तब जारी करेगा जब राज्य सरकार अपना अंश देगा। ऐसे में अप्रेल के बाद इसके भी धरातल पर आने में संशय है।

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