न्यायाधीश अहसान अहमद ने 134 पेज के विस्तृत फैसले में लिखा कि मुलजिमान द्वारा मृतक को मित्रता के विश्वास में लेकर उसकी निर्दयिता पूर्वक कोल्ड-ब्लडेड की तरह कत्ल किया हैं (जिसमें कातिल का दिमाग गुस्से में आकर कदम नहीं उठाता, बल्कि ठंडे दिमाग से प्लानिंग करता है) यह आमजन में असुरक्षा की भावना उत्पन्न करने वाला गम्भीर अपराध है, नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता। कोर्ट ने 34 गवाहों तथा 100 से अधिक दस्तावेज साक्ष्य के आधार पर चांदना भाकर निवासी पवनकुमार पुत्र रामलाल सोनी, अमृत विहार निवासी भूपेंद्र रांकावत पुत्र सुरेंद्र रांकावत तथा महावीर नगर निवासी हेमंत उपाध्याय पुत्र ओमप्रकाश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले के सह आरोपी शोभावतो की ढाणी निवासी सुल्तान खान पुत्र मिक्षु खान को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।