उप निरीक्षक दौलाराम के अनुसार वेस्ट पटेल नगर निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्या मंजू (62) पारख पत्नी शशी कुमार ने ठग कम्पनी से जुड़े आकाश वर्मा, राणा प्रताप, सरदार हरप्रीतसिंह, राजेश बाला, विक्रांत गुप्ता, ठाकर राणा प्रतापसिंह, कम्पनी के डायरेक्टर पाटीदार, डीएम सिंघानिया, रोहित कुमार, रणवीर कुमार व रवि वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
आरोप है कि गत 5 मार्च सुबह महिला के व्हॉट्सऐप पर एक संदेश आया। आकाश वर्मा नामक व्यक्ति ने उससे बात की। फिर ऑल इण्डिया सिम कार्ड लक्की ड्रॉ कॉम्पिटिशन बधाई का संदेश आया। एक ऑडियो में केबीसी से 25 लाख रुपए की लॉटरी निकलने की जानकारी दी गई। लॉटरी नम्बर भी उसे बताए गए। एसबीआई मैनेजर बताने वाले राणा प्रताप ने अपने व्हॉट्सऐप से बात की और पीपी साइज दो फोटो और सत्यापन के लिए दस्तावेज मांगे।
इसके बाद पिन कोड एक्टिविशन के नाम पर उससे 24 हजार रुपए ओरियंटल बैंक के खाते में जमा करा लिए गए। इसकी स्लिप भी ठग के व्हॉट्सऐप पर भेजी थी। उसी दिन व्हॉट्सऐप पर आयकर विभाग दिल्ली का एक लैटर आया। आइटी के नाम पर टूनटून पासी के खाते में 47 हजार रुपए जमा करवा लिए। इसकी स्लिप भी व्हॉट्सऐप पर भेज दी।
इसके बाद सरदार हरप्रीत सिंह ने व्हॉट्सऐप संदेश से बात की। बचत खाते को चालू खाते में तब्दील कराने के नाम 1.20 लाख रुपए की आवश्यकता जताई। झांसे में आई महिला ने यह राशि भी जमा करा दी। इस प्रकार ठग गिरोह ने कम्प्यूटेशन चार्ज, बोनस क्लियर चार्ज, मीडिया चार्ज, जीएसटी, आरबीआई टैक्स सिक्योरिटी चार्ज, डॉलर को रुपए में तब्दील करने, बीएमडब्ल्यू कार के 60 लाख और 1.60 करोड़ रुपए की लॉटरी खुलने के नाम पर कुल 94.16 लाख रुपए हड़प लिए।
लौटाने से इनकार कर कहा, कोर्ट में मिलेंगे
94.16 लाख रुपए जमा कराने के बावजूद सात माह में लॉटरी राशि न मिलने पर महिला ने ठगों से बात की। उन्होंने इनामी राशि और जमा कराई राशि देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि वो अब कोर्ट में मिलेंगे।