कोर्ट ने रेलवे (north-west railway) को इस आशय का शपथ पत्र व प्रस्तावित पुलिया पुनर्निर्माण का मानचित्र पेश करने के निर्देश दिए हैं कि निर्माण के बाद रेल विद्युतीकरण के लिहाज से ऊंचाई सुनिश्चित की गई है।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनितकुमार माथुर की खंडपीठ में याचिकाकर्ता सुरेन्द्र जैन की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने कोर्ट को बताया कि जिला कलक्टर (distt. collector, jodhpur), रेलवे, जोधपुर विकास प्राधिकरण (jodhpur development authority) तथा सार्वजनिक निर्माण (pwd) विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर देखा है।
मौजूदा स्थिति में चौड़ाई का विस्तार नहीं किया जा सकता। इसलिए रेलवे की प्रस्तावित पुनर्निर्माण योजना पर अमल किया जाना उचित है। शाह ने कहा कि पुलिया के समीप निजी आवास तथा एक स्कूल है, जो हेरिटेज बिल्डिंग की श्रेणी में आती है।
यदि भविष्य में चौड़ाई बढ़ाने के लिए भूमि अवाप्ति की जाती है तो मौजूदा संरचना के समीप ही बिना व्यवधान विस्तारित ढंाचे का निर्माण संभव है। याची के अधिवक्ता अखिलेश राजपुरोहित ने कोर्ट को बताया कि रेलवे को इस आशय का शपथ पत्र देना चाहिए कि प्रस्तावित पुनर्निर्माण होने की स्थिति में भविष्य में रेल विद्युतीकरण में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
रेलवे के अधिवक्ता कमल दवे ने कोर्ट को आश्वस्त किया, लेकिन खंडपीठ ने इस आशय का शपथ पत्र व मानचित्र पेश करने के निर्देश देते हुए सुनवाई 8 अगस्त को मुकर्रर की है। सुनवाई के दौरान जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित तथा जेडीए आयुक्त गौरव अग्रवाल मौजूद रहे।