scriptJNVU: एलएलबी का गोल्ड मैडलिस्ट भी एलएलएम में प्रवेश को तरसा | LLB's Gold Medalist also craves entry into LLM in JNVU Jodhpur | Patrika News
जोधपुर

JNVU: एलएलबी का गोल्ड मैडलिस्ट भी एलएलएम में प्रवेश को तरसा

JNVU Jodhpur
– एलएलबी में 68 प्रतिशत पर गोल्ड मैडल, एलएलएम की कटऑफ 74 प्रतिशत- उच्च अंक आने के कारण पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम व निजी विवि के विद्यार्थियों का एलएलएम पर कब्जा

जोधपुरApr 14, 2021 / 05:09 pm

Gajendrasingh Dahiya

JNVU: एलएलबी का गोल्ड मैडलिस्ट भी एलएलएम में प्रवेश को तरसा

JNVU: एलएलबी का गोल्ड मैडलिस्ट भी एलएलएम में प्रवेश को तरसा

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के एलएलएम पाठ्यक्रम में इस साल विवि का एलएलबी का गोल्ड मैडलिस्ट छात्र भी प्रवेश के लिए अयोग्य है। विवि ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 में एलएलबी में लगभग 68 प्रतिशत वाले विद्यार्थी को गोल्ड मैडल पहनाया है लेकिन अगली कक्षा एलएलएम में सामान्य श्रेणी की कटऑफ ही 74.05 प्रतिशत पर गई। गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाला विद्यार्थी भी हैरान है कि जिस विवि में उसे गोल्ड मैडल मिला है, वह उसी विवि में अपनी अगली कक्षा में भी प्रवेश नहीं ले पा रहा है।
यह है मामला
जेएनवीयू में एलएलएम पाठ्यक्रम की 60 सीटें हैं। विश्वविद्यालय ने इस साल मेरिट के अनुसार विद्यार्थियों को प्रवेश दिया है। पहली प्रवेश सूची 23 फरवरी और दूसरी 5 अप्रेल को जारी की गई। 60 विद्यार्थियों में से केवल 9 विद्यार्थी जेएनवीयू के एलएलबी के हैं। शेष विद्यार्थी पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम और निजी विश्वविद्यालय से एलएलबी किए हुए हैं। इन 9 विद्यार्थियों में से 6 एससी/एसटी और तीन आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के हैं। कुल मिलाकर जेएनवीयू से एलएलबी करने वाला सामान्य श्रेणी का एक भी छात्र एलएलबी में प्रवेश के योग्य नहीं है। एलएलएम में सामान्य श्रेणी की कटऑफ 74.05 फीसदी और ओबीसी की कटऑफ 66.81 प्रतिशत गई है।
एलएलबी में फस्र्ट डिवीजन लाना भी मुश्किल
दरअसल जेएनवीयू में पंचवर्षीय विधि पाठ्यक्रम (बीए/एलएलबी, बीबीए/एलएलबी) में प्रोजेक्ट सहित अन्य कार्य होने के कारण छात्र-छात्राओं को अधिक अंक मिलते हैं। निजी विश्वविद्यालय में भी एलएलबी के छात्र 70 से 80 प्रतिशत आसानी से ले आते हैं जबकि जेएनवीयू में एलएलबी में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले महज 15 से 20 प्रतिशत विद्यार्थी ही होते हैं। विवि में हर साल करीब 65 प्रतिशत लाने वाला ही टॉपर होता है और गोल्ड मैडल पहनता है। यही कारण है कि जेएनवीयू से एलएलबी करने वाले छात्र अपने ही विश्वविद्यालय में आगे की कक्षा में प्रवेश के लिए तरस रहे हैं।
कोरोना के कारण इस साल प्रवेश परीक्षा नहीं
विवि ने इस समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2016 से एलएलएम में प्रवेश परीक्षा का प्रावधान किया था लेकिन इस साल कोरोना के कारण मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है। इस कारण एलएलबी के छात्र पिछड़ गए हैं। …………………….
‘राज्य सरकार की कोविड-19 गाइडलाइन के कारण इस बार एलएलएम की प्रवेश परीक्षा नहीं की गई। हमारे यहां तो टॉपर ही 65 प्रतिशत के आसपास ही रहता है।’
-प्रो चंदनबाला, अधिष्ठाता, विधि संकाय जेएनवीयू जोधपुर
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