पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में टिड्डी का जबरदस्त जमावड़ा है। यहां से टिड्डी सिंध होते हुए पंजाब के आम के बागानों तक पहुंच गई है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के किसानों ने चिंता जताते हुए सरकार से टिड्डी को काबू करने की मांग की है। टिड्डी ने पाकिस्तान में कपास, चावल, ज्वार की फसल को नुकसान भी पहुंचाया है। उधर भारत के पंजाब प्रांत में भी राज्य सरकार अलर्ट हो गई है। पाकिस्तान के पंजाब की सीमा पार करके भारत के पंजाब राज्य में टिड्डी आने का अंदेशा है।
अक्टूबर तक रहेगा खतरा
रेगिस्तानी टिड्डी के लिए जून से लेकर अक्टूबर तक का महीना प्रजनन के लिए अनुकूल होता है। गत मई महीने में जैसलमेर और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बरसात होने की वजह से नमी हो गई, जिसके कारण चिट्टियां प्रजनन करने लग गई। मानसून भी आधे राजस्थान में पहुंच चुका है जिससे प्रजनन के लिए अनुकूल स्थिति बन गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अक्टूबर तक टिड्डी का खतरा रहेगा। वर्ष 1993 के बाद यह सबसे खतरनाक स्थिति है।
रेगिस्तानी टिड्डी के लिए जून से लेकर अक्टूबर तक का महीना प्रजनन के लिए अनुकूल होता है। गत मई महीने में जैसलमेर और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बरसात होने की वजह से नमी हो गई, जिसके कारण चिट्टियां प्रजनन करने लग गई। मानसून भी आधे राजस्थान में पहुंच चुका है जिससे प्रजनन के लिए अनुकूल स्थिति बन गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अक्टूबर तक टिड्डी का खतरा रहेगा। वर्ष 1993 के बाद यह सबसे खतरनाक स्थिति है।
भारत में अभी नियंत्रण में
‘राजस्थान के बाद गुजरात में टिड्डी पहुंच चुकी है लेकिन भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है। हम लगातार टिड्डी पर स्प्रे कर रहे हैं।
केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर
‘राजस्थान के बाद गुजरात में टिड्डी पहुंच चुकी है लेकिन भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है। हम लगातार टिड्डी पर स्प्रे कर रहे हैं।
केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर