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जोधपुर

माचिया बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों को रास आ रहा एकांतवास

– दर्शकों के शोरशराबा कम होने से बदल गई है दिनचर्या,
-पैंथर, लॉयन, टाइगर का अपने साथियों के साथ सकारात्मक व्यवहार

जोधपुरSep 02, 2020 / 09:06 am

Nandkishor Sharma

माचिया बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों को रास आ रहा एकांतवास

जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान में दर्शकों का शोर थमने के बाद वन्यजीवों में नजर आने लगा है सकारात्मक परिवर्तन फोटो -मनोज सेन

नंदकिशोर सारस्वत

जोधपुर. माचिया जैविक उद्यान में मार्च माह से लॉकडाउन के बाद लगातार दर्शकों के शोरशराबे और छेडख़ानियों की घटना थमने से वन्यजीवों की दिनचर्या भी बदलाव आ गया है। पैंथर, लॉयन, टाइगर का अपने साथियों के साथ आक्रोश खत्म होकर सकारात्मक व्यवहार तथा आपसी स्नेह बढ़ा है। शेरनी ‘अम्बिका का अपने साथी टाइगर ‘एंथोनी के साथ लंबे अर्से से चल रहा मनमुटाव समाप्त होकर स्नेह में तब्दील हो गया है। कानपुर जू से जोधपुर लाए जाने के बाद से लंबे अर्से तक साथी से दूर दूर रहने वाली शेरनी ‘अम्बिका कोरोनाकाल में पिछले तीन माह से साथी के साथ एन्क्लोजर में साथ साथ विचरण व अठखेलियां करती नजर आती है। एन्क्लोजर में विचरण के समय आपस में झगड़ा करने वाले लॉयन जीएस और लॉयनेस आरटी भी कमाबेश साथ साथ रहकर प्यार से रहने का संदेश देते नजर आते है। माचिया जैविक उद्यान में दर्शकों की भीड़ नहीं होने से वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण सा महसूस होने पर उनमें सकारात्मक बदलाव आया है। चिंकारों की कुलांचे, भालू जोड़े की अठखेलियां भी अब बढ़ गई है।
खुराक पहले की तरह

टाइगर, लॉयन और पैंथर की नियमित देखभाल करने वाले केयर टेकर राजेश बारासा का कहना है की मार्च में कोरोना लॉकडाउन के बाद केट फेमिली के वन्यजीवों की खुराक आधी रह गई थी। टाइगर व लॉयन करीब 7 किलो मीट खाने लगे थे लेकिन अब उनकी खुराक फिर से 11 किलो हो गई है। पैंथर भी अब करीब 4 किलो मीट खाने लगे है। वन्यजीव चिकित्सा सहायक महेन्द्र गहलोत ने बताया की माचिया के वन्यजीवों में अब उनके प्राकृतिक व्यवहार की झलक नजर आने ली है जो पहले नहीं थी। उनमें पहले जो चिडि़चिड़ापन था वह भी काफी कम हो गया है।
कभी बीमार नहीं

हुए मार्च में लॉकडाउन के बाद केट फेमिली का कोई भी वन्यजीव बीमार नहीं हुआ है। रोजाना पिंजरे में भोजन देते समय आक्रामक व्यवहार करने वाले वन्यजीवों का स्वभाव अब सहज और शांत नजर आता है।
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