पांच साल से जोधपुर में था महाराष्ट्र-अहमदाबाद का वांटेड ‘सेठÓ
– कई बार खाली हाथ लौट चुकी थी पुलिस, एक सुराग से पकड़ में आया तो बरामद हुई सात कारें
पांच साल से जोधपुर में था महाराष्ट्र-अहमदाबाद का वांटेड ‘सेठÓ
जोधपुर.
पाली जिले में खिंवाड़ा थानान्तर्गत सिवास गांव का भंवरदास उर्फ सेठ पुत्र हरिदास वैष्णव पिछले कई सालों से न सिर्फ महाराष्ट्र की भयंदर बल्कि गुजरात की अहमदाबाद पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था। भयंदर व अहमदाबाद से चोरी होने वाली कारों के पीछे जोधपुर के कटला बाजार निवासी उत्तमचंद जैन और भंवरदास उर्फ सेठ की भूमिका आ रही थी। गैंग सरगना उत्तमचंद तो पकड़ में आ गया था, लेकिन सेठ पकड़ में नहीं आ रहा था। उसकी तलाश में भयंदर ही नहीं महाराष्ट्र के अन्य जिलों और अहमदाबाद पुलिस पांच साल में कई बार जोधपुर आ चुकी थी, लेकिन हर बार खाली हाथ लौटना पड़ रहा था।
सी ग्रेड लोकेशन से खंगाला सांगरिया तब मिला
भंवरदास उर्फ सेठ वर्ष 2017 से जोधपुर में अलग-अलग जगहों पर रह रहा था। इस बार उसके सांगरिया के राधा स्वामी सत्संग नगर में 25 सौ मासिक किराए पर रहने की सूचना थी। पुलिस को एक मोबाइल नम्बर मिला। उसकी लोकेशन सांगरिया में दर्शा रही थी, लेकिन यह लोकेशन सी ग्रेड की थी। ऐसे में महाराष्ट्र के काशीमीरा क्राइम ब्रांच प्रथम की टीम ने पुलिस कमिश्नर जोस मोहन से सहयोग मांगा। इस पर सीएसटी को जिम्मा सौंपा गया। दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त रूप से सांगरिया खंगालकर सेठ को पकड़ लिया।
गिरोह सरगना का चालक था सेठ, फिर हुआ अलग
पुलिस का कहना है कि भंवरदास उर्फ सेठ कुछ वर्ष पहले तक अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सरगना उत्तमचंद जैन का वाहन चालक था। फिर धीरे-धीरे उसने भी अपने स्तर पर वाहन चुराकर बेचने शुरू कर दिए थे। इसके लिए अब्दुल और जोधपुर के जितेन्द्र सिंधी की मदद लेता था।
बरामद सभी कारें भयंदर व आस-पास से चुराई
पुलिस ने सेठ के बाद मूलत: राम नगर हाल झंवर रोड पर अपार्टमेंट निवासी जितेन्द्र को भी पकड़ लिया। पूछताछ में दोनों की निशानदेही से चोरी की सात कारें जब्त की गईं। जो जोधपुर में अलग-अलग जगहों पर खड़ी की गई थी। यह कारें भयंदर से चोरी की है। इन कारों को फिलहाल पुलिस लाइन में रखा गया है। अब दोनों को महाराष्ट्र ले जाया गया है।
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