जानकारी के अनुसार सरदारपुरा सी रोड रहवासी लाभांश सिंह नेहरू पार्क के बाहर अपनी एक्टिवा पर बैठा था। इस दौरान पीसीआर वैन में आए पुलिसकर्मी ने पूछा कि यहां क्यूं बैठे हो? उसने कहा मित्र का इंतजार कर रहा है। चोरी के संदेह करते हुए पुलिस ने उससे लाइसेंस मांगा और बिना किसी वजह के दो थप्पड़ जड़ दिए। लाइसेंस देख कर वह उसे अपने साथ ले गए। युवक ने आरोप लगाया है कि थाने में अपना लाइसेंस मांगने जाने पर पुलिसकर्मियों ने उसे डराया और धमकाया फिर बाद में लाइसेंस दे दिया। रिपोर्ट दर्ज करवानी चाही लेकिन पुलिस ने नहीं की और न ही एफआईआर की कोई कॉपी दी न नंबर दिए। घटना के दौरान सड़क पर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी।
पुलिस की दंबगई : शिकायत लेकर थाने गए युवक पर यूं पुलिस ने ढाया सितम
जोधपुर जिले के मैलाणा गांव में सड़क निर्माण के दौरान बिजली के पोल गिरने का मामला दर्ज कराने को लेकर बीते छह दिसंबर को खेड़ापा थाने में हंगामा करने पर एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। युवक ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया था। दरअसल, मैलाणा गांव में ग्वालों-जाखड़ों की ढाणी तक सड़क निर्माण चल रहा है। इस दौरान डम्पर की चपेट से बिजली के दो-तीन पोल गिए गए और तार टूट गए थे। ग्रामीणों के विरोध पर पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
गांव में रहने वाला किशनाराम चौधरी सुबह शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा, जहां विवाद होने पर हंगामा हो गया। पुलिस ने किशनाराम को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिर तहसीलदार के समक्ष पेश कर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। युवक का आरोप है कि पोल गिरने से नुकसान की शिकायत दर्ज नहीं की। विरोध करने पर थाने में पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। जिससे उसके चोटें आईं। थानाधिकारी सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि मंगलवार रात भी युवक ने गांव में हंगामा किया था। सुबह फिर थाने में हंगामा करने पर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके साथ मारपीट नहीं की। तहसीलदार के समक्ष पेश करने पर उसे मारपीट की शिकायत करनी थी।
‘ठीक कर दूंगा एक मिनट में, समझे ना? किसी फूंक में रहना मत’ उपरोक्त वाक्य शायद आपके
ध्यान में होगा। बीते दिनों जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में हुए उपद्रव के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहे थे। व्यवहार के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ ने सूरसागर में संवेदनशील क्षेत्र का दौरा करने के दौरान भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों को आंख दिखाई और कथित धमकी दे डाली थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट है कि सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास के सामने पुलिस कमिश्नर राठौड़ भाजपा पदाधिकारियों को धमका कर चलते बने और विधायक के मुंह से बोल तक नहीं निकल पाया। जब यह हाल जनप्रतिनिधियों का पुलिस के सामने है तो इस बात को समझने में देरी नहीं होनी चाहिए कि आम लोगों के साथ तो पुलिस क्या व्यवहार करती होगी।