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जोधपुर

सावों की खरीदारी से फिर गुलजार हुए बाजार

समूचे मारवाड़ में अबूझ मुहूर्त देवप्रबोधिनी एकादशी से शुरू हो जाएगी सावों की धूम

जोधपुरNov 18, 2020 / 06:35 pm

Nandkishor Sharma

सावों की खरीदारी से फिर गुलजार हुए बाजार

सावों की खरीदारी से फिर गुलजार हुए बाजार

जोधपुर. क्षीर सागर में सोए भगवान विष्णु जागने के दिवस देव प्रबोधिनी एकादशी (25 नवम्बर) से जोधपुर सहित समूचे मारवाड़ में मांगलिक आयोजन शुरू हो जाएंगे। देव प्रबोधिनी एकादशी को सभी तरह के मांगलिक कार्य के लिए शुभ दिवस की मान्यता और किसी प्रकार के ग्रहबल की आवश्यकता नहीं होने के कारण लंबे अर्से बाद समूचे मारवाड़ में सावों की धूम रहेगी। देवउठनी एकादशी के साथ ही गृहप्रवेश, नींव मुहूर्त, यज्ञोपवीत, देव प्रतिष्ठा आदि मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएंगे। सूर्यनगरी के प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार देव प्रबोधनी एकादशी के बाद नवम्बर व दिसम्बर माह में मळमास शुरू होने तक बड़ी संख्या में विवाह समारोह होंगे। सूर्य धनु राशि में प्रवेश के साथ ही 16 दिसम्बर से मळमास शुरू होने से मांगलिक कार्य थम जाएंगे।
दीपोत्सव के बाद अब शहनाई की ऋतु
पांच दिवसीय दीपोत्सव की धूम के बाद अब शहर में शहनाई की ऋतु का आगाज 25 नवम्बर को देव प्रबोधिनी एकादशी यानी छोटी दीपावली से शुरू होगा। इसके बाद 11 दिसम्बर तक मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी । हालांकि कोरोना का असर तो इन सावों पर भी नजर आएगा , फिर भी इस बार शादियों के पिछले सीजन की अपेक्षा मांगलिक आयोजनों की धूम रहने की उम्मीद है । दिसम्बर के मध्य तक समूचे मारवाड़ में 2000 से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधने की संभावना है।
बाजारों में भी रौनक
फेस्टिवल सीजन के सावों की रौनक बाजारों में भी नजर आ रही है । जिन घरों में मांगलिक आयोजन है वे विवाह की तैयारियों में जुटे हैं । कपड़े, आभूषण, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट व अन्य विवाह सम्बन्धित खरीदारी शुरू कर दी है । कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार आयोजनों की तैयारियां की जा रही है । लॉकडाउन के दौरान अबूझ सावों आखातीज, भड़ली नवमी के दौरान टाले गए मांगलिक आयोजनों अब नवम्बर-दिसम्बर में होंगे। एक कारण यह भी है कि 11 दिसम्बर के बाद सावे नहीं हैं ।
इन मुहूर्त में होंगे मांगलिक आयोजन
पं.ओमदत्त शंकर के अनुसार 25 नवम्बर को देव प्रबोधिनी एकादशी पर विवाह का अबूझ मुहूर्त रहेगा । इसके बाद 27,29 व 30 नवम्बर को मांगलिक आयोजन होंगे । इसी तरह दिसम्बर माह में 1, 8,9, 10 व 11 दिसम्बर को सावों के मुहूर्त है। मळमास में 15 दिसम्बर की रात्रि 9.31 से प्रारंभ हो जाएगा । फिर विवाह के मुहूर्त के लिए 18 अप्रेल 2021 तक इंतजार करना होगा ।
मळमास के बाद बृहस्पति व शुक्र का तारा होगा अस्त
पं. ओमदत्त ने बताया कि 15 दिसम्बर से मळमास शुरू होने और मळमास खत्म होने के बाद 17 जनवरी 2021 से पुन: बृहस्पति का तारा अस्त होने के कारण विवाह आदि कार्य नहीं होते हैं । इसके बाद 14 फरवरी से शुक्र का तारा भी अस्त हो जाएगा जो 18 अप्रैल को उदित होगा । इसलिए शुक्र तारा उदित होने के बाद 18 अप्रेल से ही लग्न मुहूर्तों की शुरुआत होगी।

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