पांच दिवसीय दीपोत्सव की धूम के बाद अब शहर में शहनाई की ऋतु का आगाज 25 नवम्बर को देव प्रबोधिनी एकादशी यानी छोटी दीपावली से शुरू होगा। इसके बाद 11 दिसम्बर तक मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी । हालांकि कोरोना का असर तो इन सावों पर भी नजर आएगा , फिर भी इस बार शादियों के पिछले सीजन की अपेक्षा मांगलिक आयोजनों की धूम रहने की उम्मीद है । दिसम्बर के मध्य तक समूचे मारवाड़ में 2000 से अधिक जोड़े परिणय सूत्र में बंधने की संभावना है।
फेस्टिवल सीजन के सावों की रौनक बाजारों में भी नजर आ रही है । जिन घरों में मांगलिक आयोजन है वे विवाह की तैयारियों में जुटे हैं । कपड़े, आभूषण, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट व अन्य विवाह सम्बन्धित खरीदारी शुरू कर दी है । कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार आयोजनों की तैयारियां की जा रही है । लॉकडाउन के दौरान अबूझ सावों आखातीज, भड़ली नवमी के दौरान टाले गए मांगलिक आयोजनों अब नवम्बर-दिसम्बर में होंगे। एक कारण यह भी है कि 11 दिसम्बर के बाद सावे नहीं हैं ।
पं.ओमदत्त शंकर के अनुसार 25 नवम्बर को देव प्रबोधिनी एकादशी पर विवाह का अबूझ मुहूर्त रहेगा । इसके बाद 27,29 व 30 नवम्बर को मांगलिक आयोजन होंगे । इसी तरह दिसम्बर माह में 1, 8,9, 10 व 11 दिसम्बर को सावों के मुहूर्त है। मळमास में 15 दिसम्बर की रात्रि 9.31 से प्रारंभ हो जाएगा । फिर विवाह के मुहूर्त के लिए 18 अप्रेल 2021 तक इंतजार करना होगा ।
पं. ओमदत्त ने बताया कि 15 दिसम्बर से मळमास शुरू होने और मळमास खत्म होने के बाद 17 जनवरी 2021 से पुन: बृहस्पति का तारा अस्त होने के कारण विवाह आदि कार्य नहीं होते हैं । इसके बाद 14 फरवरी से शुक्र का तारा भी अस्त हो जाएगा जो 18 अप्रैल को उदित होगा । इसलिए शुक्र तारा उदित होने के बाद 18 अप्रेल से ही लग्न मुहूर्तों की शुरुआत होगी।