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जोधपुर

VIDEO: तीन माह पहले हुई काउंसलिंग, अभी तक नहीं लगी एक भी क्लास

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) में मास्टर ऑफ फिजीकल एजुकेशन (एमपी एड) पाठ्यक्रम की काउंसलिंग के करीब ३ माह बाद अभी तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है।

जोधपुरJan 22, 2019 / 09:58 am

जय कुमार भाटी

Master of Physical Education course at Jai Narayan Vyas University

Master of Physical Education course at Jai Narayan Vyas University


अमित दवे
जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) में मास्टर ऑफ फिजीकल एजुकेशन (एमपी एड) पाठ्यक्रम की काउंसलिंग के करीब ३ माह बाद अभी तक पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। हाल यह है कि जहां प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में एमपी एड का पहला सेमेस्टर पूरा हो चुका है, वहीं जेएनवीयू में काउंसलिंग के बाद विद्यार्थी विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रहे हैं और एक भी क्लास नहीं लगने से अपने को ठगा सा महसूस कर रहे है। एमपी एड कर विद्यार्थियों की काउंसलिंग का जिम्मा राजस्थान विश्वविद्यालय का है। इस बार काउंसलिंग तीन माह देरी से अक्टूबर में हुई थी।
प्रदेश में ४ विवि में होती है एमपी एड
प्रदेश में जयपुर, कोटा, उदयपुर व जोधपुर के विश्वविद्यालयों में एमपी एड कराई जाती है। इसमें पश्चिमी राजस्थान में केवल जोधपुर में जेएनवीयू में ही एमपी एड कराई जाती है। इसके अलावा, प्रदेश में निजी संस्थानों में एमपी एड कराई जा रही है, जहां विद्यार्थियों से ७० हजार से १ लाख रुपए तक फीस वसूली जाती है। एेसे में विद्यार्थी इन विश्वविद्यालयों से मास्टर्स की डिग्री लेने में रूचि दिखाते है। जेएनीवीयू सहित अन्य विवि की फीस करीब २० हजार रुपए है।
अब शिफ्ट भी नहीं हो सकते विद्यार्थी
एमपी एड का पहला व तीसरा सेमेस्टर एक साथ होता है। दूसरा व चौथा सेमेस्टर एक साथ होता है। अन्य विश्वविद्यालयों में पहला सेमेस्टर पूरा हो चुका है और तीसरा सेमेस्टर शुरू होने वाला है। स्टूडेन्ट्स के अनुसार जेएनवीयू में कक्षाएं नहीं लगने की स्थिति में यहां के विद्यार्थियों की री-काउंसलिंग करवाकर अन्य विश्वविद्यालयों में शिफ्ट कराया जा सकता था ताकि उनकी पढ़ाई खराब न हो। अब एक सेमेस्टर पूरा होने के बाद विद्यार्थियों को शिफ्ट भी नहीं किया जा सकता है।
फैक्ट फाइल
४० सीटें हैं कुल
११ विद्यार्थियों को मिला काउंसलिंग से प्रवेश
२० हजार रुपए स्ववित्तपोषी पाठ्यक्रम का शुल्क
८ लाख रुपए सालाना आएगा खर्च

काउंसलिंग के बाद जेएनवीयू को कुल सीटों की तुलना में कम विद्यार्थी मिले। एेसे में शिक्षकों को दिया जाने वाला करीब ८ लाख रुपए का भुगतान कैसे होगा। रजिस्ट्रार के माध्यम से विद्यार्थियों को दूसरा कॉलेज आवंटित करने या कुल सीटों के हिसाब से विद्यार्थी देने का निवेदन किया, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं हुआ है।
गुलाबसिंह चौहान, कुलपति, जेएनवीयू
यह स्वपोषित पाठ्यक्रम है। इनकी काउंसलिंग जयपुर में हुई। शिक्षकों को भुगतान भी स्वपोषित पाठ्यक्रम फण्ड से देनी होती है। इस बार यहां सीटों की तुलना में कम विद्यार्थी आए। एेसे में शिक्षकों को भुगतान कैसे होगा। विवि प्रशासन ने सरकार से पत्राचार किया होगा। जैसा सरकार का निर्णय होगा, वैसे ही होगा।
डॉ बीएल दायमा, विभागाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा, जेएनवीयू
विवि प्रशासन को अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर कोर्स पूरा कराना चाहिए। आवश्यक समझें तो विभाग के रिटायर्ड विषय विशेषज्ञों की सेवा ली जा सकती है अन्यथा पाठ्यक्रम मुश्किल से पूरा होगा और विद्यार्थियों को साल खराब होगा।
भूपेन्द्रसिंह सांकड़ा, छात्रसंघ अध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग, जेएनवीयू
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