पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राजेश कुमार यादव ने बताया कि प्रकरण में अब तक जेल में पदस्थापित आरएसी के एक कांस्टेबल सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कांस्टेबल प्रभुराम फरार है। इसके साथ ही कई और संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। जांच कर रहे कुड़ीभगतासनी थानाधिकारी राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि प्रकरण में नागौर जिले के डेह गांव निवासी संतोष आचार्य और सादूगण गांव निवासी पूनाराम सैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मूलत: सांचौर के जोगाऊ हाल रोहट क्षेत्र में भाखरी वाला में बिश्नोइयों की ढाणी निवासी प्रदीप ईराम व सांचौर के कुका गांव निवासी हरदानराम बिश्नोई को चार-चार दिन और आरएसी कांस्टेबल दिनेश खोजा को तीन दिन के रिमाण्ड पर भेजा गया है। तीनों को पांच जून को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आरोपियों से पूछताछ व तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (बोरानाडा) नरेन्द्रसिंह के निर्देशन में आठ से अधिक थानाधिकारी लगाए गए हैं, जो आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं।
नागौर में फैलाया ड्रग्स का जाल
नागौर में डेह निवासी दिनेश खोजा पुत्र तेजाराम जाट आरएसी में कांस्टेबल है और जोधपुर जेल में बतौर स्टोर कीपर तैनात था। वह और अन्य सिपाही प्रभुराम और ड्रग्स तस्कर हरदानराम कार में सांचौर गए थे, जहां श्रवणराम बिश्नोई से 750 ग्राम एमडी ड्रग्स खरीदी थी। इसमें से चार सौ ग्राम ड्रग्स दिनेश ने रख ली थी। बदले में 3.61 लाख रुपए हरदानराम को दिए थे। सांचौर से सीधे डेह गांव पहुंचे थे, जहां दिनेश गांव रुक गया था। उसने 230 ग्राम ड्रग्स अपने ही गांव के संतोष आचार्य को बेची थी। उसने सादूगण गांव निवासी पूनाराम सैन को बेच दी थी। पूनाराम ने एक अधिवक्ता के पुत्र को ड्रग्स सप्लाई की थी। जो पकड़ा नहीं जा सका है। 170 ग्राम ड्रग्स कहां गई इस संबंध में जांच की जा रही है। 328 ग्राम ड्रग्स के साथ प्रदीप ईराम व हरदानराम को पकड़ा गया था।
जेल में बंदियों तक ड्रग्स सप्लाई का अंदेशा
आरएसी बटालियन में कांस्टेबल दिनेश वर्ष 2019 से जेल में पदस्थापित है। जेल के क्वार्टर में ही रहता है। वह बतौर स्टोर कीपर तैनात है। उसका साथी कांस्टेबल प्रभुराम की जेल में जनरल ड्यूटी लगती है। इससे अंदेशा है कि प्रभुराम जेल में बंदियों तक भी मादक पदार्थ सप्लाई करता होगा। हालांकि उसके पकड़ में आने के बाद ही खुलासा हो पाएगा।