अरुण केरल के कोट्टयम जिले के कोरुथोडू ग्राम पंचायत के पनाकाचीर गांव का रहने वाला है। वह फरवरी में ड्यूटी पर लौटा। बीमार होने पर बीएसएफ ने जोधपुर भेजा, जिसे 18 मार्च को एम्स में भर्ती कर परिवार को सूचित किया गया। 24 मार्च को लॉकडाउन हो गया। उधर अरुण की तबीयत धीरे-धीरे खराब होती गई। उसे मेडिसिन वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट कर वेंटिलेटर पर लेना पड़ा। शिलम्मा को सूचना मिलने पर उसने स्थानीय राजनेताओं की मदद से केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन तक बात पहुंचाई। सरकार के निर्देश पर कोट्टयम कलक्टर ने शिलम्मा और उसकी पुत्रवधु पार्वथ्या के लिए पास बनाए। निजी संगठन ने कार की व्यवस्था की। वह अपने अन्य रिश्तेदार व एक सुरक्षाकर्मी को लेकर 11 अप्रेल को केरल से रवाना हुई जो 14 अप्रेल को जोधपुर पहुंची।
शिलाम्मा और उसकी बहु दोनों को ही न तो अंग्रेजी आती है और न ही हिंदी। ऐसे में वह अपने साथ अंग्रेजी जानने वाले रिश्तेदार को लेकर आई है। रिश्तेदार के जरिए ही डॉक्टर मरीज की मां व पत्नी से बात कर पाते हैं। बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस की मदद से शिलाम्मा और उसके रिश्तेदारों के रहने के लिए एम्स में ही स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की है।
अरुण मांसपेशियों की बीमारी जीबी सिंड्रोम से पीडि़त है, जिसमें मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। अंत में श्वसन तंत्र की मांसपेशियां भी चपेट में आने लगती है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। अरुण के स्वास्थ्य में सुधारअरुण के स्वास्थ्य में सुधार है। हमने समय-समय पर उसके परिवार को सूचित किया था। उसकी मां व अन्य रिश्तेदार यहां आए हैं। उसके परिवार के लिए भी व्यवस्था की गई है।
– एमएस राठौड़, उप महानिरीक्षक, बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर