वृत्ताधिकारी (बालोतरा) सुभाषचन्द्र के अनुसार आरटीआइ कार्यकर्ता जगदीश गोलिया की हत्या के मामले में दो दिन के रिमाण्ड पर चल रहे उसके चचेरेभाई सराणा गांव निवासी महेन्द्रसिंह पुत्र लालसिंह जाट और गोपालसिंह से पूछताछ में यह सामने आया है। महेन्द्रसिंह ने स्वीकारा कि गत शनिवार को जगदीश गोलिया दो बीघा जमीन पर पत्थर की पट्टियां खड़ी करवा रहा था। पता लगने पर वह मौके पर पहुंचा और जगदीश को पट्टियां खड़ी करने से मना किया।
वो नहीं माना तब वह टै्रक्टर लेकर आया। उसका भाई भी साथ था। महेन्द्र ने खड़ी पट्टियों को टै्रक्टर से तोड़ दिया। इस दौरान जगदीश के भी टै्रक्टर से टक्कर लगी तो वह और पट्टियां खड़ी करने वाले मौके से भागने लगे। आरोपियों ने उनके पीछे भी टै्रक्टर दौड़ाया था।
एफएसएल रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा मृत्यु का कारण
झगड़े की सूचना मिलने पर पचपदरा थाना पुलिस घटनास्थल पहुंची और जगदीश गोलिया व उसके दोनों चचेरे भाई को पकडकऱ रवाना हो गई। जगदीश का पचपदरा के अस्पताल में उपचार कराने के बाद तीनों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। छह अक्टूबर को तीनों को तहसीलदार के समक्ष पेश किया तब जगदीश ने तबीयत खराब होने की शिकायत की थी।
ममेरा भाई कपिल उसे बालोतरा के नाहटा अस्पताल ले गया था, जहां उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की मां ने निलम्बित थानाधिकारी सरोज चौधरी व अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जगदीश के शरीर पर पांच जगह चोट बताई, लेकिन मृत्यु के कारण स्पष्ट नहीं किए थे। विसरा की एफएसएल जांच के बाद पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक मृत्यु का कारण स्पष्ट कर पाएंगे।
इनका कहना है
‘आरटीआइ कार्यकर्ता की मौत के मामले में दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया गया है। मृतक को टै्रक्टर से टक्कर मारने की बात सामने आई है। मामले की जांच चल रही है।’
सचिन मित्तल, पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) जोधपुर