– लगातार घट रहा है उत्पादन गुजरात में प्रति हैक्टेयर औसत 800-900 किलो जीरा उत्पादन होता है, जबकि राजस्थान में प्रति हैक्टेयर औसत 430-450 किलो उत्पादन हो रहा है। परिणामस्वरूप, जीरा की खेती करने वाले किसान गुजरात की तुलना में उत्पादन लेने में पिछड़ रहे है। इसके अलावा, जीरा के लिए सदिज़्यों में फल, फूल व बीज बनते है और इस फसल के लिए कोहरा, नमी, औंस नहीं होनी चाहिए। जबकि जोबनेर की जलवायु, मिट्टी, वातावरण इस फसल के लिए उपयुक्त नहीं है।
—– वषज़् 1975 में स्थापित हुआ सेंटर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से वषज़् 1975 में जोबनेर की कणज़् नगेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना स्थापित की गई। जोबनेर कृषि विवि के अंतगज़्त जयपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, धौलपुर, करौली, अलवर, सीकर आदि जिलें आते है। जोधपुर मण्डोर कृषि विवि के अंतगज़्त जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, पाली व सिरोही-जालोर जिलें आ रहे है।
— क्षेत्रफल से जाने हकीकत ( हैक्टेयर में ) विवि—– जीरा——– सौंफ—— मैथी—— धनिया—- कुल— हिस्सा प्रतिशत जोधपुर– 442878— 38459— 32459—– 1043– 514839— 60.1 जोबनेर– 4375—— 3972—–12750——265— 21362—2.5 ——————————————————————–
कुल—- 500142—– 45195—- 129712—– 181712—— 856761 —— जहां क्षेत्रफल व उत्पादन ज्यादा हो, वहां शोध केन्द्र होना चाहिए। ऐसे में शोध के लिए जारी आथिज़्क राशि का भी सदुपयोग होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की बैठक में जोधपुर में जीरे का शोध केन्द्र स्थापित करने की सिफारिश भी का जा चुकी है।
रतनलाल डागा, सदस्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद — मारवाड़ में जीरा का सवाज़्धिक उत्पादन होता है। ऐसे में यहां अगर रिसचज़् सेंटर स्थापित होता है तो नई किस्में विकसित होगी, जो किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी।
डॉ. एमएल मेहरिया, प्रिसिपल इन्वेस्टिगेट रमण्डोर कृषि विवि —