चिकित्सकों ने बच्ची को फिलहाल मां के दूध पीने की ही सलाह दी है। नागौरी गेट विजय चौक निवासी वैशाली का प्रसव शुक्रवार को हुआ था। पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी डॉ. अनुरागसिंह ने कहा कि इसे पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन कहा जाता है। ये एचआईवी व कोरोना में होता है। साथ ही इसमें मां का वायरल लोड व इंफेक्शन आदि को ध्यान में रखा जाता है।
प्रसूता प्रसवकाल के 7-10 दिन पूर्व पॉजिटिव है तो इसमें कोरोना ट्रांसमिशन के सर्वाधिक अवसर रहते है। इस वक्त में मां में एंटीबॉडी बनने का समय नहीं मिलता। अब मां में एंटीबॉडी बनी है तो वह रिपोर्ट में नेगेटिव आ रही है।
उपचार के लिहाज से फिलहाल नवजात बच्ची मां के पास रहेगी। बच्चे से मां को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि मां की एंटीबॉडी बन चुकी है। स्तनपान से प्री फॉम एंटीबॉडी मिलने से बच्चा जल्द स्वस्थ होगा। इसी दिन कोरोना से जोधपुर में एक साल का बच्चा भी पॉजिटिव आया है।