जस्टिस निर्मलजीत कौर और जस्टिस दिनेश मेहता ने यह आदेश माणकलाव ग्राम पंचायत के सरपंच बलदेवराम की ओर से दायर जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेन्द्र चौधरी परासरिया ने कहा कि जैसलमेर, जोधपुर, नागौर हाइवे को जोडऩे वाली रिंगरोड के निर्माण के लिए सरकार ने गत 2 सितम्बर 2015 को अधिसूचना जारी की थी। उसमें कहीं भी माणकलाव गांव के खसरा नंबर 308, 169 व 157 का जिक्र नहीं था। लेकिन एनएचएआइ व अन्य एजेंसियों ने बिना भूमि आवाप्ति और मुआवजा दिए बिना रिंग रोड का निर्माण शुरू कर दिया। यह रोड गांव की श्मशान भूमि, तालाब व स्कू ल में से होकर गुजरती है जो विधि विरुद्ध है। याचिका में इस निर्माण को तुरंत बंद कराने की मांग की गई है।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना जोधपुर एयरपोर्ट विस्तार मामले में सरकार की ओर से गुरुवार को अधिसूचना जारी कर राजस्थान हाईकोर्ट में पेश कर दी गई। जस्टिस संगीत लोढा व डॉ. वीरेन्द्रकुमार माथुर की खंडपीठ ने अधिसूचना को तीन दिन में गजट में प्रकाशित कराने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट विस्तार के लिए अवाप्त की जाने वाली जमीन का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तो जिला कलक्टर के स्तर पर जारी कर दिया गया था, लेकिन एक्ट में यथोचित सरकार का उल्लेख होने की वजह से असमंजस स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसे स्पष्ट करने के निर्देश के बाद गृह विभाग के उप शासन सचिव के स्तर पर नोटिफिकेशन जारी कर इसकी प्रति कोर्ट के समक्ष पेश की गई।
कोर्ट ने अब तीन दिन में इसे गजट में प्रकाशित कराकर पालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। सुनवाई के दोरान गुरुवार को एएजी राजेश पंवार व अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने कोर्ट को बताया, कि 29 अगस्त को नोटिफिकेशन को मोडिफाई कर दिया गया है। गृह विभाग के उप शासन सचिव के स्तर पर 5.09 बीघा जमीन अवाप्त करने के लिए नोटिफकेशन जारी किया गया है। जमीन अधिग्रहण अधिनियम की धारा 11 (1) के तहत नोटिफिकेशन जारी किया गया है।