scriptइनके बहते खून और दर्द को महसूस करने वाला तक कोई नहीं | No one is going to feel their flowing blood and pain | Patrika News
जोधपुर

इनके बहते खून और दर्द को महसूस करने वाला तक कोई नहीं

– प्रदेश के 1 हजार से ज्यादा हीमोफीलिया रोगियों की संख्या
– इनको मिलने वाली निशुल्क दवाइया सिर्फ अस्पताल में एडमिट कर लगाई जाती है
– संक्रमण के खतरे के बीच पिछले एक माह से प्रभावित
 

जोधपुरMay 11, 2021 / 11:15 pm

Avinash Kewaliya

इनके बहते खून और दर्द को महसूस करने वाला तक कोई नहीं

इनके बहते खून और दर्द को महसूस करने वाला तक कोई नहीं

जोधपुर। कोरोना के खौफ के बीच एक बीमारी से पीडि़त कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मजबूरी में न तो अस्पताल जा पा रहे हैं और न ही सरकार से दवाइयां ले पा रहे हैं। इस बीच अगर चोट लग जाए तो उनके बहते खून को रोकना और असहनीय दर्द पर मरहम लगाने वाला तक कोई नहीं है। यह पीड़ा है हीमोफिलिया रोगियों की।
जोधपुर में करीब 200 और पूरे प्रदेश में ऐसे 11 सौ लोग हैं जो इस रोग से संघर्ष कर रहे हैं। यह आंकड़ा तो सिर्फ सूचीबद्ध है, इसके अलावा भी न जाने कितने लोग होंगे तो इस असहनीय दर्द को झेल होंगे। इन रोगियों को सप्ताह में एक बार फैक्टर 8, फैक्टर 9 और इन्हीबिटर फैक्टर 7 जैसी दवाइयां दी जाती है। इनकी कीमत ज्यादा है और सरकारी सप्लाई के जरिये ही हीमोफीलिया मरीजों को उपलब्ध होती है। अस्प्ताल में दाखिल कर इस दवा को इंजेक्शन के जरिये दिया जाता है और फिर कुछ देर के लिए चिकित्सकों की देख-रेख में भर्ती रखा जाता है।
अब यह स्थिति
हीमोफीलिया सोसायटी चैप्टर जोधपुर के सचिव प्रेम चौधरी ने बताया कि जोधपुर सहित प्रमुख शहरों में मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ही यह दवा दी जाती है। चूंकि इसको अस्पताल में लगाया जाता है और अभी संक्रमण के चलते अस्पतालों में कोई जा नहीं रहा, इसलिए काफी परेशानी हो रही है। अधिकांश मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से है और परिवहन के साधन भी बंद है, इसीलिए अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे।
दर्द और तड़प
हीमोफीलिया सोसायटी चैप्टर जोधपुर के अध्यक्ष मदनलाल लखानी के अनुसार मरीज को सप्ताह में दो या तीन बार इस फैक्टर दवा ही जरूरत रहती है। यह दवा नहीं मिलने पर रक्तस्राव अंदरूनी या बाहरी भी शुरू हो जाता है। जिससे शरीर में विकलांगता व अन्य विकृति भी हो सकती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट

हीमोफीलिया के प्रकार और मरीज के वजन के अनुसार यह दवा दी जाती है। अस्पताल में संक्रमण की वजह से लोगों का पहुंचना सीमित हुआ है। पिछले बार लॉकडाउन के समय जिला अस्पतालों व सीएचसी स्तर पर दवा उपलब्ध करवाई थी। यदि लम्बे समय तक रक्तस्राव जोड़ों में होता है तो मरीज को काफी परेशानी हो सकती है।
– डॉ. गोविंद पटेल, हेमेटोलॉलिस्ट

Home / Jodhpur / इनके बहते खून और दर्द को महसूस करने वाला तक कोई नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो