हीमोफीलिया सोसायटी चैप्टर जोधपुर के सचिव प्रेम चौधरी ने बताया कि जोधपुर सहित प्रमुख शहरों में मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ही यह दवा दी जाती है। चूंकि इसको अस्पताल में लगाया जाता है और अभी संक्रमण के चलते अस्पतालों में कोई जा नहीं रहा, इसलिए काफी परेशानी हो रही है। अधिकांश मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से है और परिवहन के साधन भी बंद है, इसीलिए अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे।
हीमोफीलिया सोसायटी चैप्टर जोधपुर के अध्यक्ष मदनलाल लखानी के अनुसार मरीज को सप्ताह में दो या तीन बार इस फैक्टर दवा ही जरूरत रहती है। यह दवा नहीं मिलने पर रक्तस्राव अंदरूनी या बाहरी भी शुरू हो जाता है। जिससे शरीर में विकलांगता व अन्य विकृति भी हो सकती है।
– डॉ. गोविंद पटेल, हेमेटोलॉलिस्ट