फ्रांस की एजेंसी फॉर डवलपमेंट (एएफडी) ने जोधपुर शहर के प्रोजेक्ट को सन् 2012 में मंजूर किया था और चौथाई शहर में 24 घंटे जलापूर्ति का पायलट प्रोजेक्ट अंतिम चरण में शामिल है। खास बात यह है कि पहले से ही देरी से चल रहे इस प्रोजेक्ट और पड़ौसी शहर के प्रोजेक्ट की गति को देखते हुए इसके समय पर पूरा होने पर संशय है।
फ्लोमीटर लगेंगे 24 घंटे पानी देने के प्रोजेक्ट के तहत हर घर में फ्लोमीटर लगेगा जो बिजली के मीटर की तरह हर समय चलेगा। जितना पानी का उपयोग करेंगे उसकी रीडिंग उपभोक्ता खुद देख सकेंगे। इसमें रीडिंग 15 हजार से कम रहती है तो राज्य सरकार की वाटर चार्जेज की छूट सम्बंधी घोषणा का लाभ मिल सकेगा और मीटर चार्ज व फिक्स चार्ज 49.5 रुपए ही देना होगा। ‘पत्रिका’ ने पहले भी बताया था कि राज्य सरकार ने अभी जो 15 हजार लीटर तक पानी का उपभोग करने वाले शहरी उपभोक्ताओं को वाटर चार्जेज में छूट देने का मुख्य उद्देश्य पानी की बचत करना है।
दोनों शहरों में चुनौतियां
पाली शहर एक नजर में – 4 साल पहले शुरू हुआ घरों में 24 घंटे पेयजल पहुंचाने का प्रोजेक्ट। – 50 हजार घरों को जोडऩा है।
– 33 प्रतिशत ही काम हुआ है।
– 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
(रूडिप इस प्रोजेक्ट पर काम रही है) जोधपुर शहर एक नजर में – एएफडी का प्रोजेक्ट 2012 में शुरू हुआ, 2018 में पूरा होना था।
– अभी तक काम बाकी, अब एक साल में पूरा करने का लक्ष्य।
– 11 जोन चिह्नित किए हैं शहर में।
– 50 हजार घर जुड़ेंगे 24 घंटे पेयजल योजना से। अमृत योजना के मीटर भी नहीं लगे राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अमृत योजना में शहर के व्यावासिक व औद्योगिक कनेक्शन में मीटर लगाने के लिए 9 करोड़ रुपए का बजट जारी किया था। 4 हजार 900 कनेक्शन पर मीटर लगाने थे, पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
इनका कहना…
‘पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 11 जोन में 24 घंटे पानी देना है। काफी समय से चल रहे प्रोजेक्ट को इस साल पूरा करना है। अमृत योजना के मीटर भी इस साल लगा दिए जाएंगे।
– दिनेश पेडीवाल, एसई, पीएचईडी, जोधपुर।