नवरात्र से लेकर दिवाली तक 30 दिन में ऑनलाइन शॉपिंग साइट ने 5-5 दिन के दो अलग-अलग फेस्टिवल निकाले। इनमें 10 से लेकर 50 प्रतिशत तक ऑफ दिया गया। इनमें सर्वाधिक खरीदारी लाइफस्टाइल से जुड़े प्रोडक्ट की होती है।
लाइफ स्टाइल श्रेणी को सबसे ज्यादा झटका ऑनलाइन मार्केट से मिलता है। अधिकांश लोग फैशन स्टेटमेंट के लिहाज से कपड़े ऑनलाइन खरीदते हैं। उन पर छूट मिलने के कारण कई लोगों का झुकाव भी इस ओर होता है। कपड़े, जूते से लेकर एसेसरीज भी ऑनलाइन खरीदी जाती है। लेकिन आज भी ट्रेडिशनल क्लोथ व फेस्टिवल कपड़ों की खरीद ऑफलाइन ही होती है।
ऑफलाइन बाजार को इलेक्ट्रोनिक श्रेणी में ऑनलाइन से कड़ी टक्कर मिल रही है। सबसे ज्यादा मोबाइल, लैपटॉप के साथ टीवी व साउंड सिस्टम पर मिलने वाली छूट के कारण लोगों को रुझान ऑनलाइन खरीद में रहता है। लेकिन कई अच्छे ब्रांड के मोबाइल जिनमें रकम ज्यादा लगती है उनकी खरीद अब तक लोग ऑफलाइन ही करते हैं।
लाइफ स्टाइल व्यापार से जुड़े अभिनव डागा ने बताया कि ऑनलाइन में लोगों की सहूलियत तो है लेकिन यदि एथनिक वीयर, फिटिंग सहित कई ऐसे बातें हैं जिनको पसंद करने वाले लोग कभी ऑनलाइन नहीं लेंगे। लेकिन अंडरगारमेंट, शूज, जींस और टी-शर्ट जैसे प्रोडक्ट ऑनलाइन खरीदे जाते हैं।
फैशन डिजाइन व लाइफ स्टाइल व्यापार से जुड़े पंकज भाटी व अनीशा भाटी ने बताया कि एक हद तक ऑनलाइन ठीक है। लेकिन कोई पारम्परिक कपड़े खरीदना चाहते हैं तो ऑफलाइन ही खरीदी होगी। यदि कोई ऑफलाइन मार्केट में नया कॉन्सेप्ट आता है तो उसकी अच्छी फोटो खींच कर घटिया मेटेरियल में वही चीज बेच दी जाती है। ऐसे में ग्राहक भी ठगा जाता है।