मेहरानगढ़ दुर्ग स्थित बाड़ी के महलों में प्रत्येक चैत्र शुक्ल तीज के दिन गणगौर-पूजन के बाद ‘भोळावणीÓ तक लड्डू के थाल,जल, भोग, दातुन, इत्यादि माताजी को अर्पण किए जाते हैं । गवर भोळावणी के दिन बाड़ी के महलों के मकराने के चबूतरे पर बिछायत करके खासे में माताजी को दर्शनार्थ रखा जाता है। वहां परिक्रमा और गणगौर उत्सव के गीत भी गाए जाते हैं । पूर्व राजपरिवार की सुहागिन महिलाओं की ओर से पूजन के बाद राजगणगौर को खासे में विराजित कर जलअर्पण के लिए रानीसर जलाशय विदा किया जाता है । तालाब के पठ्ठे पर गणगौर माताजी को जल अर्पण , भोग चढ़ाया जाता है। कोविड गाइड लाइन के कारण गवर माता गढ़ में ही रहेगी।