scriptWATCH : जोधपुर जिले के इस परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया अनूठा कदम, निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय | phalodi groom printed his wedding card in sanskrit language | Patrika News
जोधपुर

WATCH : जोधपुर जिले के इस परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया अनूठा कदम, निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय

आधुनिकता के दौर में देव भाषा संस्कृत आज हाशिए पर आ चुकी है। शादी ब्याह जैसे समारोह आदि में संस्कृत भाषा के मंत्रोच्चार जरूर सुनने में आते हैं लेकिन दूसरे कामों में इसका उपयोग बिल्कुल बंद हो चुका है। वहीं फलोदी उपखंड के बावड़ी कलां गांव के राजपुरोहित परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने, प्रचार-प्रसार करने तथा आमजन को संस्कृत से जोडऩे के लिए एक अनूठी पहल की है।

जोधपुरNov 18, 2019 / 02:28 pm

Harshwardhan bhati

phalodi groom printed his wedding card in sanskrit language

WATCH : जोधपुर जिले के इस परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया अनूठा कदम, निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय

वीडियो : महेश सोनी/फलोदी/जोधपुर. आधुनिकता के दौर में देव भाषा संस्कृत आज हाशिए पर आ चुकी है। शादी ब्याह जैसे समारोह आदि में संस्कृत भाषा के मंत्रोच्चार जरूर सुनने में आते हैं लेकिन दूसरे कामों में इसका उपयोग बिल्कुल बंद हो चुका है। वहीं फलोदी उपखंड के बावड़ी कलां गांव के राजपुरोहित परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने, प्रचार-प्रसार करने तथा आमजन को संस्कृत से जोडऩे के लिए एक अनूठी पहल की है।
यहां परिवार के पुत्र के विवाह का पूरा निमंत्रण पत्र संस्कृत भाषा में छपवाया गया है। जिसमें विवाह संबंधी सभी कार्यक्रम पूर्णरूप से संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं। बावड़ी कलां निवासी उम्मेदसिंह के पुत्र किशन सिंह का विवाह 22 नवम्बर को है। किशनसिंह वर्तमान में रामदेवरा में व्याख्याता है तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से संस्कृत में एमए, नेट जेआरफ व एमफिल हैं। साथ ही उनके भाई व्यवसायी भंवरसिंह व व्याख्याता सवाईसिंह राजपुरोहित संस्कृत के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। उन्होंने संस्कृत भाषा को लोगों के दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विवाह का निमंत्रण पत्र संस्कृत भाषा में छपवाया है।
निमंत्रण पत्र में विवाह संबंधित कार्यक्रमों के लिए विनायक पूजनम्, घृतपानम्, वृन्दोली, वरयात्रा प्रस्थानम्, पाणिग्रहण संस्कार:, प्रीतिभोज: तथा निमंत्रणस्थलम्, जामातार:, मातामहपक्ष:, स्वागतोत्सुक:,अस्मदीय: कुटुम्ब:, वयमपि प्रतीक्षामहे भवतां स्वागताय: आदि शब्दों का प्रयोग किया गया है।

Home / Jodhpur / WATCH : जोधपुर जिले के इस परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उठाया अनूठा कदम, निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो