सवाल- प्राथमिकताओं को पूरा करने में चुनौतियां क्या मानती है? जवाब-गांवों में लोकल पॉलिटिक्स विकास की सबसे बड़ी बाधा होती है। इसके कारण विकास बाधित न हो। लोगों को विकास में भागीदारी के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।
सवाल- महिला जनप्रतिनिधियों पर अक्सर रबड़ स्टांप का ठपा लगता है क्योंकि उनका कार्य घर के पुरुष सदस्य करते हैं। आपका मत? जवाब-सुझाव सभी से लेंगे। अपनी विचारधारा के अनुरूप बिना किसी बाहरी दखल के निर्णय लूंगी। ये प्रेरणा मुझे मेरी सास से मिली हैं, जो खारिया खंगार की सरपंच हैं, वे अपने निर्णय खुद लेकर कार्य करती हैं, मैं भी उसी तरह कार्य करूंगी।
सवाल- चुनाव से क्या सीखा? जवाब-चुनाव से बहुत कुछ सीखा है। गांवों में समस्याएं क्या है, लोगों का दर्द क्या है? प्रचार के दरम्यिान आंखों से देखा है। यह देखकर मुझे तकलीफ हुई है। अब मौका मिला है तो उस दर्द को दूर करने का प्रयास करूंगी।
सवाल- पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ प्रधान का कार्य किस तरह संभालेंगी? जवाब- जिम्मेदारी से ही इंसान सीखता है। उसी से आगे बढऩे की प्रेरणा भी मिलती है। जितनी बड़ी जिम्मेदारी उतनी अधिक मेहनत से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। मुझे गर्व हैं कि मेरी परिवार में पारिवारिक, राजनीतिक, व्यावसायिक जिम्मेदारी है। मैं इन सभी में समन्वय व संतुलन बैठाकर क्षेत्र को विकास के साथ एक मॉडल के रूप में स्थापित करने का प्रयास करूंगी।
सवाल- स्थाई समितियों से लेकर अन्य कई बैठकों में कागजी कार्यवाही ज्यादा की जाती है, ऐसा ही चलेगा या बदलाव करेंगी? जवाब-जरूरतमंदों के कल्याण की योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रहेगी। जरूरतमंद के घर तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। जरूरतमंदों को मुख्यधारा में जोड़कर विकास और रोजगार में भागीदार बनाएंगे।
पंचायत समिति का राजनीतिक चक्र पीपाड़सिटी पंचायत समिति के क्षेत्राधिकार में दो विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा और भोपालगढ़ आते हैं। इस पंचायत समिति में भोपालगढ़ उपखंड की दो पंचायतें रतकुडिय़ा और खारिया खंगार भी शामिल है। पंचायत समिति पाली संसदीय क्षेत्र का भाग है। राज्यसभा के पूर्व सांसद रामनारायण डूडी, पूर्व राज्य मंत्री कमसा मेघवाल इस पंचायत समिति से जुड़े रतकुडिय़ा के निवासी है। पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ भी पंचायत समिति के भुण्डाणा के मूलनिवासी है।
कुल 23 वार्डों की दलीय स्थिति में कांग्रेस को 11,भाजपा और निर्दलीय छह-छह सीटों पर विजयी रहे। ऐसे में प्रधान सोनिया चौधरी ने 13 का बहुमत हासिल कर सीट पर कब्जा जमाया, लेकिन उप प्रधान के चुनाव में कांग्रेस बढ़त कायम नही रख सकी। उप प्रधान के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को पांच व निर्दलीय प्रेमा गहलोत ने 18 मतों से जीत हासिल की। समिति बोर्ड में प्रधान, उपप्रधान सहित 12 महिलाएं सदस्य है।