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जोधपुर

महिलाएं घूंघट छोड़ें, घर से बाहर निकलें, तरक्की के रास्ते खुले पड़े हैं

प्रधान सोनिया चौधरी इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट है और चाहती है कि क्षेत्र की बालिकाएं अधिकाधिक शिक्षित हो बुलंदी पर पहुंचे। नवनिर्वाचित प्रधान घूंघट से महिलाओं को बाहर निकालना चाहती है। कहती है कि रूढ़ीवादी परम्पराएं विकास में बाधक है। महिलाएं घर से बाहर निकल आर्थिक रूप से सक्षम बनें।

जोधपुरSep 23, 2021 / 09:14 am

pawan pareek

महिलाएं घूंघट छोड़ें, घर से बाहर निकलें, तरक्की के रास्ते खुले पड़े हैं

महिलाएं घूंघट छोड़ें, घर से बाहर निकलें, तरक्की के रास्ते खुले पड़े हैं

सिकन्दर पारीक/राजेश मेहरड़ा

प्रधान सोनिया चौधरी इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट है और चाहती है कि क्षेत्र की बालिकाएं अधिकाधिक शिक्षित हो बुलंदी पर पहुंचे। नवनिर्वाचित प्रधान घूंघट से महिलाओं को बाहर निकालना चाहती है। कहती है कि रूढ़ीवादी परम्पराएं विकास में बाधक है। महिलाएं घर से बाहर निकल आर्थिक रूप से सक्षम बनें। तरक्की के रास्ते खुले पड़े हैं। ग्रामीण विकास को लेकर क्या है प्रधान की प्राथमिकताएं? चुनौतियों का कैसे करेंगी सामना और क्या है विकास का नया मॉडल? विभिन्न सवालों के जवाब जानिए खुद प्रधान से …तो मिलिए अपने प्रधान से :-
सवाल : पांच वर्ष की आपकी प्राथमिकताएं क्या रहेगी?

जवाब- बालिका शिक्षा पर फोकस रहेगा। महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश करूंगी कि वे रूढि़वादी प्रथाओं को त्यागे। घूंघट से बाहर निकले और परिवार के आर्थिक सशक्तीकरण में खुद को भागीदारी बनाएं। प्रयास करूंगी कि हमारी पंचायत समिति का युवा वर्ग नशे के दलदल से बाहर निकलकर शिक्षा व खेल के तालमेल में बेहतर भविष्य बनाएं।

सवाल- प्राथमिकताओं को पूरा करने में चुनौतियां क्या मानती है?

जवाब-गांवों में लोकल पॉलिटिक्स विकास की सबसे बड़ी बाधा होती है। इसके कारण विकास बाधित न हो। लोगों को विकास में भागीदारी के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

सवाल- महिला जनप्रतिनिधियों पर अक्सर रबड़ स्टांप का ठपा लगता है क्योंकि उनका कार्य घर के पुरुष सदस्य करते हैं। आपका मत?

जवाब-सुझाव सभी से लेंगे। अपनी विचारधारा के अनुरूप बिना किसी बाहरी दखल के निर्णय लूंगी। ये प्रेरणा मुझे मेरी सास से मिली हैं, जो खारिया खंगार की सरपंच हैं, वे अपने निर्णय खुद लेकर कार्य करती हैं, मैं भी उसी तरह कार्य करूंगी।

सवाल- चुनाव से क्या सीखा?

जवाब-चुनाव से बहुत कुछ सीखा है। गांवों में समस्याएं क्या है, लोगों का दर्द क्या है? प्रचार के दरम्यिान आंखों से देखा है। यह देखकर मुझे तकलीफ हुई है। अब मौका मिला है तो उस दर्द को दूर करने का प्रयास करूंगी।

सवाल- पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ प्रधान का कार्य किस तरह संभालेंगी?

जवाब- जिम्मेदारी से ही इंसान सीखता है। उसी से आगे बढऩे की प्रेरणा भी मिलती है। जितनी बड़ी जिम्मेदारी उतनी अधिक मेहनत से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। मुझे गर्व हैं कि मेरी परिवार में पारिवारिक, राजनीतिक, व्यावसायिक जिम्मेदारी है। मैं इन सभी में समन्वय व संतुलन बैठाकर क्षेत्र को विकास के साथ एक मॉडल के रूप में स्थापित करने का प्रयास करूंगी।

सवाल- स्थाई समितियों से लेकर अन्य कई बैठकों में कागजी कार्यवाही ज्यादा की जाती है, ऐसा ही चलेगा या बदलाव करेंगी?

जवाब-जरूरतमंदों के कल्याण की योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रहेगी। जरूरतमंद के घर तक योजनाओं का लाभ पहुंचेगा। जरूरतमंदों को मुख्यधारा में जोड़कर विकास और रोजगार में भागीदार बनाएंगे।
पंचायत समिति की स्थिति

पीपाड़सिटी पंचायत समिति वर्ष 2014 में गठित हुई। इसमें बिलाड़ा की 13 व भोपालगढ़ की 15 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया। प्रथम चुनाव में प्रधान पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित रहा और इंदिरा मेघवाल प्रधान बनी। कुल 23 में से भाजपा 15 व कांग्रेस 8 सीटे जीत सकी। बाद में प्रधान इंदिरा मेघवाल अपने प्रबोधक पति के निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर ग्राम पंचायत में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त हुई और स्वयं को राजनीति से अलग कर लिया। वर्तमान में पंचायत समिति के क्षेत्राधिकार में 7 नई पंचायतों का सृजन करने से इनकी संख्या 33 हो गई है।

पंचायत समिति का राजनीतिक चक्र

पीपाड़सिटी पंचायत समिति के क्षेत्राधिकार में दो विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा और भोपालगढ़ आते हैं। इस पंचायत समिति में भोपालगढ़ उपखंड की दो पंचायतें रतकुडिय़ा और खारिया खंगार भी शामिल है। पंचायत समिति पाली संसदीय क्षेत्र का भाग है। राज्यसभा के पूर्व सांसद रामनारायण डूडी, पूर्व राज्य मंत्री कमसा मेघवाल इस पंचायत समिति से जुड़े रतकुडिय़ा के निवासी है। पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ भी पंचायत समिति के भुण्डाणा के मूलनिवासी है।
इस बार पूर्व सांसद जाखड़ की पौत्री सोनिया चौधरी प्रधान बनने में सफल रही। पंचायत समिति में पूर्व सांसद के पुत्र जगदीश डूडी, पूर्व उपजिला प्रमुख हीरालाल मुंडेल, रियां के पूर्व सरपंच गोरधनराम चौधरी पंचायत समिति के सदस्य है। पंचायत समिति में पहली बार प्रधान की सामान्य सीट पर महिला के साथ उप प्रधान पद पर कांग्रेस से बगावत कर सीधे मुकाबले में बोरुंदा पंचायत की निर्दलीय उप प्रधान प्रेमा गहलोत पीपाड़सिटी निवासी है।
यह भी जानें
कुल 23 वार्डों की दलीय स्थिति में कांग्रेस को 11,भाजपा और निर्दलीय छह-छह सीटों पर विजयी रहे। ऐसे में प्रधान सोनिया चौधरी ने 13 का बहुमत हासिल कर सीट पर कब्जा जमाया, लेकिन उप प्रधान के चुनाव में कांग्रेस बढ़त कायम नही रख सकी। उप प्रधान के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को पांच व निर्दलीय प्रेमा गहलोत ने 18 मतों से जीत हासिल की। समिति बोर्ड में प्रधान, उपप्रधान सहित 12 महिलाएं सदस्य है।
जानिए प्रधान के बारे में

पच्चीस वर्षीय प्रधान सोनिया चौधरी बीटेक में गोल्ड मेडलिस्ट है। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी चौधरी को किताबों से लगाव है और खाली पलों में कविताएं भी लिखती है। चूंकि सोनिया राजनीतिक परिवार से जुड़ी है। ऐसे में स्वयं ने राजनीति में भाग्य आजमाया, चुनाव जीती और प्रधान पद पर काबिज हुई।
प्रधान को खान-पान में केर-सांगरी, बाजरी का सोगरा और गुंदे की सब्जी पसंद है। फास्ट फूड भी खूब अच्छा लगता है। इनके दादा बद्रीराम जाखड़ पाली क्षेत्र से सांसद रहने के साथ ही भोपालगढ़ के प्रधान रह चुके हैं। भुआ मुन्नीदेवी गोदारा जिला प्रमुख रह चुकी है। अभी जिला परिषद की सदस्य है तो सास प्रमिला चौधरी खारिया खंगार की सरपंच है।

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