गोपालदेव ने गत 29 मई को नई मोटरसाइकिल खरीदी थी। उसका पंजीयन होने से पहले ही यातायात पुलिस ने जांच के दौरान 2 जून को बाइक पकड़ी और बिना नम्बर व पीछे वाली सवारी के बिना हेलमेट होने से चालान बनाकर जब्त कर ली गई। वह बाइक छुड़ाने यातायात पुलिस कन्ट्रोल गया तो हरसुखराम ने बाइक छोडऩे के बदले दो हजार रुपए मांगे। गोपालदेव ने इसकी शिकायत ब्यूरो में की। गोपनीय सत्यापन में चौदह सौ रुपए मांगने की पुष्टि हुई। बाइक छुड़ाने के लिए वह कन्ट्रोल रूम पहुंचा और हेड कांस्टेबल हरसुखराम जाट ने चौदह सौ रुपए ले लिए और तीन सौ रुपए की रसीद काट दी। गोपालदेव को बगैर रसीद दिए बाइक ले जाने के निर्देश दिए। तभी ब्यूरो के एएसपी नरेन्द्र चौधरी व भोपालसिंह लखावत ने दबिश दे हरसुखराम को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर में भ्रष्ट पुलिस पर पच्चीस दिन में दूसरी कार्रवाई है। बजरी डम्पर मालिक से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते एसीबी ने गत 10 मई को बासनी थाने में एसआइ गजेन्द्रसिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जबकि हेड कांस्टेबल तेजाराम मेघवाल भाग निकला था। एसीबी कोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। पुलिस निरीक्षक संजय बोथरा भी मेडिकल लीव का बताकर एक बार फिर भूमिगत हैं। जांच कर रहे एएसपी भोपालसिंह लखावत का कहना है कि निरीक्षक व हेड कांस्टेबल फरार हैं। मुख्यालय की मदद से तलाश कर रहे हैं।