पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) प्रीति चंद्रा के अनुसार वारदात के सम्बन्ध में जोधपुर के बनाड़ थानान्तर्गत जाजीवाल विश्नोइयां गांव निवासी महिपाल विश्नोई (24 वर्ष), बालेसर के बैलवा गांव निवासी राजूराम उर्फ राजू (22 वर्ष) और डांगियावास थानान्तर्गत काकेलाव निवासी महेश वैष्णव (25 वर्ष) को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। तीनों मुल्जिमों की निशानदेही पर पुलिस ने सोने-चांदी के जेवर, लूट के बाद भागने के काम में ली गई ज्वैलर की स्कूटी बरामद कर ली है। लुटेरे वृद्ध ज्वैलर का मोबाइल भी छीनकर भाग गए थे। ये मोबाइल आरोपियों ने तोड़कर जला दिया।
यूं दिया वारदात को अंजाम पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी राजूराम ने ज्वैलर सरदारपुरा बी रोड कुम्हारों की गली निवासी 65 वर्षीय कमल किशोर की दुकाने से लॉकडाउन के पहले सोने की एक अंगूठी खरीदी थी। दुकान में रखे जेवरात और अकेले वृद्ध ज्वैलर को देखकर उसकी नीयत खराब हो गई। उसने दो अन्य आरोपियों महेश व उसके साथी महिपाल विश्नोई के साथ मिलकर ज्वैलर को लूटने की योजना बनाई। गत 11 जून की सुबह करीब 11 बजे राजूराम व एक अन्य उसकी दुकान पर पहुंचे। इन्होंने चांदी की अंगूठी देखकर उसकी फोटो खींचकर किसी को भेजी। इसी दौरान तीसरा व्यक्ति दुकान में आया। पायजेब दिखाने को कहा। पायजेब पंसद नहीं आने का कहकर वह निकल गया। इसी दौरान पहले से आए दो आरोपियों ने वृद्ध को घेर लिया। कनपट्टी पर पिस्तौल रखकर माल निकालने को कहा और मारपीट शुरू कर दी। हाथ पैर बांध दिए। वृद्ध ने चिल्लाने की कोशिश की तो मुंह पर टेप बांध दी। बाद में दोनों ने इत्मीनान से तिजोरी में रखे आभूषण थैले में भरे। सीसीटीवी की डीवीआर भी खोल ली। फिर ज्वैलर की स्कूटी, हैलमेट और मोबाइल लेकर आसानी से भाग निकले। ज्वैलर की रिपोर्ट के अनुसार लुटेरे सोने की अंगूठियों के तीन बॉक्स, सोने के टॉप्स के दो बॉक्स, एक किलो चांदी के जेवर व फुटकर नगदी आदि लूट ले गए।
पहचान लिया था एक लुटेरे को वृद्ध ज्वैलर ने पहले ग्राहक बनकर आए आरोपी राजूराम को पहचान लिया था। पुलिस का कहना है कि ज्वैलर व राजूराम की वाट्सएप पर चैटिंग भी होती रही है। आरोपी महेश पायजेब देखने के बहाने आया और कुछ देर बाद चला गया। उसने पड़ोस के दुकानदार को बातों में उलझाए रखा,ताकि वारदात का पता नहीं चल सके। दो लुटेरों के स्कूटी पर भागने के बाद वह भी चुपचाप निकल गया।
चार टीमों ने खोला मामला वारदात के बाद पुलिस आयुक्त प्रफुल्ल कुमार ने उपायुक्त प्रीति चंद्रा के निर्देशन में चार टीमों का गठन किया था। इनमें अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उमेश ओझा, सहायक पुलिस आयुक्त दिंगत आनंद व सरदारपुरा थानाधिकारी लिखमाराम भी शामिल थे। इन टीमों ने सीसीटीवी फुटेज व तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपियों को चिह्नित कर तस्दीक की। इसके आधार पर तीनों आरोपी पुलिस के जाल में फंस गए।