उप निरीक्षक खेताराम के अनुसार प्रादेशिक परिवहन कार्यालय के डीटीओ विनोदकुमार लेघा की तरफ से दर्ज मामले में जेआर बिश्नोई मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र ढढू, मनोज कुमार कुड़ी, भागीरथ जुड, जोगाराम, कुड़ी भगतासनी, नरेन्द्र टाक सरदारपुरा, गजेसिंह कॉलोनी के शुभम प्रदूषण जांच केन्द्र, बासनी श्रमिक कॉलोनी के गोरधनराम मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र, सांगरिया में इन्द्रा नगर के सामने बजरंग मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र और भोपालगढ़ में समराथल मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र पर आरोप लगाए गए हैं।
यह है मामला
यह है मामला
परिवहन विभाग ने वाहनों के पीयूसी बनाने के लिए मोबाइल वैन को लाइसेंस के साथ अधिकृत कम्पनी का सॉफ्टवेयर भी दिया गया था, लेकिन नौ मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्रों ने अधिकृत सॉफ्टवेयर की बजाय फर्जी सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर पीयूसी जारी करने लग गए थे। विभाग ने जांच कराई तो घोटाले का खुलासा हो गया।
एफआइआर में देरी, विभाग की फटकार
एफआइआर में देरी, विभाग की फटकार
गड़बड़ी का पता लगने पर जोधपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्रों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे, लेकिन जिला परिवहन अधिकारियों ने अल्प समय के लिए जांच केन्द्रों के लाइसेंस निलम्बित कर खानापूर्ति कर दी। इसका पता लगने पर परिवहन विभाग ने नाराजगी जताकर तुरंत एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए। इस आदेश के एक महीने बाद मामला दर्ज कराया गया।
लाइसेंस निरस्त, एफआइआर दर्ज कराई
‘नौ संचालकों ने फर्जी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर पीयूसी जारी किए थे। पीयूसी में फर्जीवाडे की शिकायतों पर विभाग की आइटी स्क्वॉड की ओर से इन संचालकों की आइडी हैक की गई और कुछ समय के लिए इनकी आइडी को निलंबित किया गया। बुधवार को फर्जी सॉफ्टवेयर से पीयूसी जारी करने वाले संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई।’
‘नौ संचालकों ने फर्जी सॉफ्टवेयर का उपयोग कर पीयूसी जारी किए थे। पीयूसी में फर्जीवाडे की शिकायतों पर विभाग की आइटी स्क्वॉड की ओर से इन संचालकों की आइडी हैक की गई और कुछ समय के लिए इनकी आइडी को निलंबित किया गया। बुधवार को फर्जी सॉफ्टवेयर से पीयूसी जारी करने वाले संचालकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई।’
विनोद कुमार लेगा, जिला परिवहन अधिकारी, जोधपुर।