जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर 2 से 13 जून 2014 के दौरान भारत और फ्रांसीसी वायु सेना के मध्य संयुक्त युद्धाभ्यास गरुड़-5 का आयोजन किया गया। इसके लिए फ्रांस से चार रफाल विमान सीधे जोधपुर पहुंचे थे। दोनों देशों के तत्कालीन वायुसेनाध्यक्ष भी जोधपुर आए। नौ जून को एयर चीफ राहा ने रफाल उड़ाया था तो फ्रांस के तत्कालीन एयर चीफ डेनिस मर्सियर ने सुखोई-30 विमान में उड़ान भरी थी। इस तरह रफाल की प्रारंभिक ट्रायल जोधपुर में हुई थी। अभ्यास के दौरान दोनों देशों के वायु योद्धाओं ने बुनियादी और लड़ाकू विमानों को हवा में ही मार गिराने और कृत्रिम हवाई ठिकानों की अकेले व संयुक्त रूप से सुरक्षा करने के गुर जाने थे।
वायु सैनिक ऑपरेशन की आजादी का अनुभव
फ्रांस के वायुसैनिकों ने जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर वायु सैनिक ऑपरेशन की आजादी का अनुभव किया था। फ्रांस में फ्लाइंग के लिए दस क्लियरेंस लेनी पड़ती है। ऐसे में जोधपुर आने से पहले वे ओमान के अल डफर वायु सेना स्टेशन पर रुके थे ताकि जोधपुर एयरबेस पहुंचने पर यहां की गर्मी के अनुसार ढल सके। अबू धाबी से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित इस एयरबेस पर पारा 50 के आसपास था और जोधपुर में भी तब पारा 44.6 डिग्री था। रफाल बनाने वाली फ्रांसीसी डसाल्ट कंपनी ने पायलटों को गर्मी से बचाने के लिए खास तरह के हेलमेट और कूल वेस्ट पहनाए थे।