इस फाटक पर बड़ा रेल हादसा होने के बाद भी इसकी सुध नहीं ली गई है। इसी साल 21 जनवरी को एक बजरी से भरा डम्पर ट्रेन के सामने आ गया था, जिससे हादसा हुआ था। यहां वाराणसी से जोधपुर आ रही मरुधर एक्सप्रेस डम्पर से भिड़ गई थी। डम्पर में बजरी भरी हुई थी और वह ट्रेन के इंजन में फंस गया था। उस वक्त भी लापरवाही की वजह से हादसा हुआ था। डम्पर चालक ने फाटक पर खड़े गार्ड की आवाज अनसुनी कर दी थी। सुबह करीब 6 बज कर 10 मिनट पर मरुधर एक्सप्रेस के सामने अचानक बजरी से भरा डम्पर निकल रहा था। गेट पर मौजूद गार्ड ने डम्पर चालक को ट्रेन आने की बात कहते हुए रुकने के लिए कहा था, लेकिन उसने गार्ड की बात अनसुनी करते हुए गेट को पार करने का प्रयास किया और हादसा हो गया। डम्पर गेट से करीब 600 मीटर आगे तक घसीटते हुए दो हिस्सों में बंट गया था। हादसे में ट्रेन का इंजन भी डम्पर से टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। इस हादसे में ट्रेन के यात्री हताहत नहीं हुए थे लेकिन डम्पर चालक गंभीर घायल हो गया था। उस वक्त भी इस फाटक पर सुरक्षा को लेकर आवाज उठाई गई थी।