कई सरकारी योजनाएं व समर्थन मूल्य घोषित कर फ सल खरीद के बावजूद किसानों को फ सलों का लागत आधारित लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। उत्पादन लागत से कम भाव पर बाजार में फ सल बिकने से घाटे से किसान कर्ज में डूबने लगे हैं। सीमित मात्रा में ब्याज मुक्त फ सली ऋ ण मिलने के कारण किसान ऊंची ब्याज दरों पर साहूकारों से ऋ ण लेने को मजबूर हो रहे हैं।
बाजरा —2.35 — 2195 — 2000 — 1600
मूंग — 1.74 — 9538 — 7050 — 5400
मोठ — 0.24 — 13500 — 00 — 4200
मूंगफली– 2.15 — 6528 — 5090 — 4450
तिल — 0.09 — 9186 — 6485 — 9900
अरंडी — 0.09 — 7800 — 00 — 4200
कपास — 0.25 — 7017 — 5550 — 5200
-(रुपए प्रति क्विंटल)
-( स्त्रोत–कृषि विभाग, कृषि मूल्य व लागत आयोग, कृषि विपणन बोर्ड, भारतीय किसान संघ)
यही हालात रहे तो किसानों की जमीनें साहूकार के पास चली जाएंगी। किसान भूमिहीन होकर खेती छोडऩे को मजबूर हो जाएंगे। सरकार फ सलों का सी-2 फ ॉर्मूले से तय उत्पादन लागत का डेढ़ गुणा मूल्य देना सुनिश्चित करें, तभी कृषि व किसानों को बचाया जा सकेगा।
रतनलाल डागा, राष्ट्रीय जैविक प्रमुख, भारतीय किसान संघ
तुलछाराम सिंवर, आंदोलन व प्रचार प्रमुख, भारतीय किसान संघ, जोधपुर