गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने ‘सूरज चमका सकता है मरुधरा का भाग्य’ शीर्षक से जैकेट पेज प्रकाशित कर इस मुहिम की शुरुआत की थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर सौर ऊर्जा को लेकर सरकार और आमजन का ध्यान आकर्षित किया गया। वहीं केन्द्र सरकार ने भी छोटे सोलर प्लांट पर 40 फीसदी सब्सिडी देने संबंधी ड्राफ्ट तैयार किया है। साथ ही कई सरकारी कार्यालयों ने भी सोलर रूफ टॉप पैनल लगाने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। सौर ऊर्जा के साथ ही पवन ऊर्जा नीति भी लाई जाएगी।
अभी यह है सौर ऊर्जा उत्पादन
सौर ऊर्जा की पुरानी नीति से अब तक प्रदेश में 4 हजार 310 मेगावाट एवं पवन ऊर्जा नीति से 3 हजार 424 मेगावाट बिजली बन रही है। लेकिन वर्ष 2021-22 में प्रदेश में बिजली का उत्पादन मांग से कम हो जाएगा। ऐसे में उस संकट से निपटने के लिए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
यह रखा लक्ष्य
1. सीएम ने रिन्यूएबल परचेज आब्लिगेशन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 4 हजार 885 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना करने का लक्ष्य वर्ष 2022-23 रखा है। 2. राज्य में 33 केवी सब स्टेशन के समीप स्थित किसानों की अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा के 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के कुल 2 हजार 600 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। यह काम आगामी तीन वर्षों में होगा।
जोधपुर में बनेगा 765 केवी जीएसएस बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में सौर ऊर्जा की विपुल संभावनाओं को देखते हुए जोधपुर में 765 केवी जीएसएस की घोषणा की गई है। लूणी तहसील में इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और जेडीए ने इसके जमीन आवंटन संबंधी कार्यवाही भी शुरू कर दी है। यह प्रदेश का तीसरा प्रसारण निगम का 765 केवी जीएसएस होगा।
तो देश में सबसे आगे होंगे हम सीएम ने कहा कि हर घर पर सोलर पैनल देखना चाहता हूं। यह बहुत ही अच्छी पहल है। यदि ऐसा होता है राजस्थान देश में पहला प्रदेश बन जाएगा। जो आगामी वर्षों के लिए लक्ष्य रखे गए हैं यह वाकई सराहनीय है। यदि ये लक्ष्य पूरे होते हैं तो प्रदेश का औद्योगिक विकास व देश में सौर ऊर्जा उत्पादन में स्थान भी बढेग़ा।
एच.एस पंवार, सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता व सोलर एक्सपर्ट