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जोधपुर

10 साल में 20 जिलों में घटा भूजल स्तर, केन्द्र की ‘जल शक्ति’ के बाद अब राज्य की ‘जल संचय’ योजना

– राज्य सरकार ने की राजीव गांधी जल संचय योजना की घोषणा, अभी प्रदेश के 24 जिले अतिदोहित क्षेत्र में

जोधपुरJul 12, 2019 / 01:23 pm

Harshwardhan bhati

jal shakti latest news

10 साल में 20 जिलों में घटा भूजल स्तर, केन्द्र की ‘जल शक्ति’ के बाद अब राज्य की ‘जल संचय’ योजना

अविनाश केवलिया/जोधपुर. पूरे देश में जल शक्ति अभियान अभी कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है। पहला चरण करीब 75 दिन का रखा गया है। जोधपुर के सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत ही इस मंत्रालय की कमान संभाल रहे हैं, ऐसे में यहां केन्द्र सरकार के अधिकारी खुद फोकस कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस अभियान के लिए अब तक अलग से कोई बजट प्रस्तावित नहीं किया गया है। जबकि दूसरी ओर दो दिन पहले ही राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि पिछले 10 साल में प्रदेश के 20 जिलों में जल स्तर घटा है।
राजस्थान में वर्षा जल संचय के कई प्रयास करने के बाद भी भूजल स्तर नहीं बढ़ रहा। प्रदेश के 33 में से महज 13 जिलों में यह स्तर बढ़ा है। जबकि 20 जिलों में भूजल का स्तर पिछले 10 साल से लगातार कम हो रहा है। विधानसभा में यह जानकारी राज्य सरकार की ओर से दी गई है। भूजल के इसी घटते स्तर को ध्यान में रखते हुए जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है। पहली बार बने मंत्रालय ने इस अभियान के लिए अलग से कोई बजट नहीं दिया। ऐसे में बारिश का पानी बचाने और भूजल स्तर ऊंचा करने के लिए मनरेगा के कंधों पर ही सवारी की जाएगी।
क्या है जल शक्ति

पूरे देश में यह अभियान 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक 75 दिन का होगा। बारिश के सीजन में इसका मुख्य उद्देश्य वर्षा जल संचय करना और भूजल स्तर बढ़ाना है। लेकिन भौतिक रूप से इस अभियान में काम करवाने के लिए कोई बजट नहीं है। ऐसे में फिलहाल लोगों को जागरूक करने के साथ जल संरक्षण की वर्तमान में जो योजनाएं चल रही हैं उसी के जरिये काम करना होगा। जिला स्तर पर कोर कमेटी बनाई गई है। जोधपुर में पहली कोर कमेटी की बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि नदारद रहे। ऐसे में राजनीतिक अलगाव के बीच लोगों को जागरूक करने की चुनौती भी इस अभियान में होगी।
ये 5 कार्य मुख्य रूप से होने हैं

– जल संरक्षण व वर्षा के पानी को रोकना
– पारंपरिक व अन्य जलस्त्रोतों का पुनरुद्धार
– पानी का पुन: उपयोग
– जल संरचनाओं की रिचार्जिंग के साथ वाटरशेड का विकास
– सघन पौधरोपण
ऐसे नापेंगे भूजल स्तर
जोधपुर जिले के 16 में से 14 ब्लॉक इसमें शामिल किए गए हैं। 130 ऐसे पिकेट चिह्नित किए गए हैं जहां हर वर्ष भूजल स्तर नापा जाता है। वर्षा पूर्व रिडिंग ली गई है अब हर माह इस रिडिंग को रिवाइज करेंगे। साथ ही 15 सितम्बर को अंतिम परिणाम देखा जाएगा। यही तरीका प्रदेश के अन्य जिलों में भी अपनाया जाएगा।
वर्षा जल संरक्षण की प्रदेश में स्थिति
– 2008 से 2018 तक प्री-मानसून भूजल रीडिंग जारी की गई।
– 33 में से 20 जिलों में पिछले 10 साल में भूजल स्तर घटा है।
– 13 जिलों में ही भूजल स्तर पहले के मुकाबले बढ़ा है।
– 24 जिले अतिदोहित क्षेत्र में शामिल हैं।
अब प्रदेश भी लाएगा नई योजना

राज्य सरकार ने बजट में जल संचय के लिए नई योजना लाने की घोषणा की है। जिला प्रशासन को अब केन्द्र व राज्य की दोनों समानान्तर योजनाओं को चलाना होगा। राज्य सरकार जल संरक्षण, परम्परागत पेयजल स्रोतों को जीवित करने, नवीन स्रोतों का निर्माण व पौधरोपण के लिए राजीव गांधी जल संचय योजना लाने जा रही है। केन्द्र व राज्य दोनों ही योजनाओं से आए परिणामों का श्रेय लेने की भी होड़ रहेगी।
इनका कहना है
जल शक्ति अभियान में किसी प्रकार का बजट नहीं है। जो वर्तमान योजनाएं हैं उसी आधार पर काम करवाएंगे। खास तौर पर लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे।
– अंशदीप, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद जोधपुर
हर पखवाड़े होगी अभियान की समीक्षा
भारत सरकार कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव और जल शक्ति अभियान जोधपुर के नोडल अधिकारी अमिताभ गौतम ने कहा है कि यह महत्वाकंाक्षी अभियान है तथा इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करना है। वे गुरुवार को जोधपुर कलक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। मंत्रालय के तीन उप सचिव और तीन तकनीकी अधिकारी भी बैठक में थे। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित और जिला परिषद के सीइओ अंशदीप ने जल शक्ति अभियान की समयबद्ध योजना और अब तक विभागों के लक्ष्यों पर जानकारी दी। संयुक्त सचिव गौतम ने कहा कि हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी। नरेगा के तहत बने तालाबों की भी जिला और ब्लॉक स्तरीय समीक्षा होगी। जिला कलक्टर ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जल शक्ति अभियान को हर 15 दिन तथा ढाई महीने के अनुसार प्लान करें।

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