न्यायाधीश अरुण भंसाली ने याचिकाकर्ता विमल त्रिवेदी और अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी रिकॉर्ड पर लिया कि दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया 29 अगस्त तक जारी रहेगी, तब तक अभ्यर्थी चयन सूची व नियुक्ति आदेश जारी नहीं किए जाएंगे। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ. नुपूर भाटी और यशपाल खिलेरी ने कोर्ट को बताया कि चिकित्सा विभाग ने 30 मई, 2018 को अनुसूचित क्षेत्र के लिए 522 और गैर अनुसूचित क्षेत्र के लिए 6035 नर्स ग्रेड-द्वितीय पदों पर भर्ती विज्ञापित की थी। इसमें चयन का आधार सीनियर सैकंडरी व नर्सिंग डिप्लोमा के अंकों का 70 प्रतिशत अंक तथा अधिकतम 30 प्रतिशत अंक अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर जोडकऱ मैरिट तैयार की जानी है। अधिवक्ताओं ने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया में केवल दस्तावेजों का सत्यापन ही किया जाना है, जिसमें विभाग बिना कट ऑफ जारी किए कम प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुला रहा है। जबकि याचिकाकर्ताओं ने अधिक अंक प्राप्त किए हैं। विभाग की ओर से दस्तावेज सत्यापन के लिए जारी निर्देश व सूची में कई अभ्यर्थियों के नाम दो से चार बार अंकित हैं और कम प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों के नाम भी अंकित है। याचिका में बताया गया कि राज्य सरकार ने 23 जून, 2019 को एक परिपत्र जारी कर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को वर्तमान में विचाराधीन प्रक्रिया में आरक्षण देने का आदेश दिया है। इसके बावजूद नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जा रहा। अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित ने प्रत्युत्तर के लिए समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 22 जुलाई मुकर्रर की है।