राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा एक सप्ताह में देने के निर्देश दिए हैं। गोडावण संरक्षण को लेकर स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि जैसलमेर जिले में गोडावण की कैप्टिव ब्रीडिंग के अलावा कई प्रयास किए गए हैं। इस संबंध में शीर्ष स्तर पर एक बैठक भी आयोजित की गई। यह ब्यौरा रिकॉर्ड पर पेश करने के लिए केंद्र की ओर से एक सप्ताह का समय मांगा गया। इसे स्वीकार करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 4 फरवरी को मुकर्रर की है।