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जोधपुर

रानी उमराव कंवर ने बनवाया राधे-गोविंद मंदिर तो कहलाया रानीजी का मंदिर, सरदारपुरा में है स्थित

सरदारपुरा बी रोड स्थित रानीजी मंदिर का निर्माण महाराजा सुमेरसिंह की रानी उमराव कंवर ने 88 साल पहले 1931 में करवाया, इसीलिए मंदिर को रानीजी का मंदिर कहा जाता है। मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान कृष्ण और राधा की प्रतिष्ठित है।

जोधपुरAug 21, 2019 / 02:23 pm

Harshwardhan bhati

rani ji ka mandir in jodhpur is situated at sardarpura

रानी उमराव कंवर ने बनवाया राधे-गोविंद मंदिर तो कहलाया रानीजी का मंदिर, सरदारपुरा में है स्थित

जोधपुर. सरदारपुरा बी रोड स्थित रानीजी मंदिर का निर्माण महाराजा सुमेरसिंह की रानी उमराव कंवर ने 88 साल पहले 1931 में करवाया, इसीलिए मंदिर को रानीजी का मंदिर कहा जाता है। मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान कृष्ण और राधा की प्रतिष्ठित है। संगमरमर से निर्मित मुख्य गर्भगृह प्रवेश द्वार में चांदी के पाट पर ठाकुरजी युगल स्वरूप में और लड्डू गोपाल के रूप में भी विराजित है।
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मंदिर में प्रतिवर्ष जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। उत्सव के दौरान चांदी से निर्मित विशेष झूले में ठाकुरजी को विराजित किया जाता है। मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण की विविध लीलाओं से जुड़े आकर्षक भित्ति चित्र मौजूद हैं। इनमें कृष्ण जन्म, गोचारण लीला, पालने में यशोदानंदन, सूरदास के साथ बालकृष्ण के चित्र प्रमुख है। मंदिर के मध्य भाग में एक फव्वारा भी है, जिसे विशेष उत्सव पर आरंभ किया जाता है।
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लाल घाटू के पत्थरों से निर्मित मंदिर के मध्य भाग की ऊंचाई करीब 40 फीट है। रानी उमराव कंवर महाराजा के स्वर्गवास के बाद भगवान श्रीकृष्ण को ही अपना आराध्य मानकर सेवा पूजा करने लगी थी। रानी उमराव कंवर ने मंदिर के निर्माण के साथ एक कृष्ण कुंज नोहरा और उसमें एक बेरे का निर्माण करवाया था। संवत 1988 याने 1931 के माघ सुदी दशमी को महाराजा उम्मेदसिंह के सान्निध्य में मंदिर में ठाकुरजी राधे-गोविन्द की मूर्ति की प्रतिष्ठा की गई।
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रानी उमराव कंवर ने वृंदावन में भी अपने आराध्य देव का मंदिर व घाट बनवाया तथा वहीं पर अपने आराध्य के ध्यान में मंदिर की सीढिय़ों पर अपने प्राण त्याग दिए थे। वर्तमान में मंदिर का संचालन व देखरेख मांजी चौहानजी साहिबां रिलिजियस ट्रस्ट की ओर से किया जाता है।

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