जहां विद्यार्थियों को परिणाम आने का इंतजार पूरा हुआ। वहीं परीक्षाओं की शुरुआत में उनके होश ही उड़ गए थे। उल्लेखनीय है गत 7 मार्च से शुरू हुई राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों ने पहला पेपर अंग्रेजी का दिया था। परीक्षा का प्रश्न-पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने की अफवाह चलने लग गई थी। लेकिन अफवाह में कोई सच्चाई नहीं निकली। वायरल पेपर भी पुराना बताया जा रहा था। एकबारगी परीक्षा देकर निकले कई विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी तो कोई मायूस नजर आया था। दूसरी ओर सुबह सोशल मीडिया पर एक पीले रंग का पेपर वायरल हुआ था। हालांकि उस पेपर पर साल 2018 लिखा हुआ था। लेकिन वास्तविक पेपर से वायरल प्रश्न-पत्र के सवाल हूबहू नहीं मिले। यह पेपर गत वर्षों का बताया जा रहा था। साथ ही यह करतूत भी कुछ शरारती तत्वों की बताई जा रही थी।
परीक्षा के लिए जोधपुर में 267 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। इनमें 19 संवेदनशील व 10 अतिसंवेदनशील रखा गया था। प्रत्येक संवेदनशील व अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों को माइक्रो ऑब्जर्वर लगाया गया था। प्रत्येक थाने पर एक राजपत्रित अधिकारी पेपर समन्वयक था, जो प्रतिदिन संबंधित थाने में केन्द्राधीक्षक व अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक की उपस्थिति में दिनांक, विषय और कक्षा का मिलान कर संबंधित केन्द्राधीक्षक को प्रश्न पत्र वितरित किया था।