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जोधपुर

राज्य सरकार ने एमबीएम कॉलेज में रिफाइनरी पाठ्य्रक्रम को दिखाई हरी झंडी, कौशल प्रशिक्षण के लिए दिए 20 करोड़

राज्य सरकार ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अधीन संचालित देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक एमबीएम इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज में विश्वविद्यालयी स्तर की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है।

जोधपुरFeb 22, 2020 / 03:34 pm

Harshwardhan bhati

refinery course will be started at MBM engineering college

राज्य सरकार ने एमबीएम कॉलेज में रिफाइनरी पाठ्य्रक्रम को दिखाई हरी झंडी, कौशल प्रशिक्षण के लिए दिए 20 करोड़

जोधपुर. राज्य सरकार ने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अधीन संचालित देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक एमबीएम इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज में विश्वविद्यालयी स्तर की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है। इससे रिफाइनरी से संबंधित पेट्रोकेमिकल विभाग, पाठ्यक्रम व लैब खोली जाएगी, जिससे रिफाइनरी को कौशल युक्त कार्मिक व तकनीशियन प्रदेश से ही उपलब्ध हो सके।
समूचे प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल्स को लेकर कोई खास पाठ्यक्रम नहीं है जबकि रिफाइनरी का निर्माण कार्य शुरू हुए दो साल बीत गए हैं। एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज ने अपने स्तर पर राज्य सरकार को 100 करोड़ रुपए से अधिक का प्रस्ताव बनाकर स्वयं को पेट्रोलियम विवि का दर्जा देने का प्रस्ताव भेजा था। कॉलेज में सिविल, मैकेनिकल, माइनिंग, इलेक्ट्रिकल्स, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स व कंप्यूटर साइंस जैसे सभी आधारभूत विभाग पहले से ही होने से केवल दो नए विभाग पेट्रोकेमिकल और पर्यावरण विज्ञान शुरू करना था।
मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में एमबीएम को विवि का दर्जा देने की बजाय केवल विवि स्तर की सुविधाएं मुहैया करवाने की बात कही। हालांकि विवि के छात्र-छात्राएं इसमें भी खुश नजर आए। एमबीएम कॉलेज में छात्र नेता त्रिवेंद्रपाल सिंह, आलोक मीना, राजेश सोलंकी, नीतीश जोशी, आयुष विश्नोई, पिंकी चौधरी, नेहल श्रीमाली, सूर्या विश्नोई, सुरेश विश्नोई सहित कई छात्र छात्राओं ने डांस किया और कॉलेज में मिठाई बांटी।
महंगे आते हैं माइनिंग के उपकरण
पेट्रोकेमिकल विभाग एक तरह से माइनिंग से जुड़ा हुआ विभाग ही है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक प्रयोगशालाएं होती हैं। इसके उपकरण बहुत महंगे आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि करोड़ों रुपए के तो केवल उपकरण ही आ जाएंगे।
रिफाइनरी में काम करेंगे 30 हजार कार्मिक
बाड़मेर के पचपदरा में 16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफाइनरी का शिलान्यास किया। 4800 एकड़ में बन रही रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल्स कॉम्पलेक्स के 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। यह प्रतिदिन 9 मिलियन टन प्रति वर्ष कच्चे तेल का उत्पादन करेगी। इसमें 30 हजार से अधिक कार्मिकों को रोजगार मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश में पेट्रोकेमिकल से संबंधित कोई खास पाठ्यक्रम नहीं है। गुजरात के गांधीनगर और झारखण्ड के बोकारो में जरुर पेट्रोलियम विवि है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए लम्बे समय से यहां पेट्रोकेमिकल्स पाठ्यक्रम और पेट्रोलियम विवि की डिमांड हो रही है लेकिन सरकार ने बजट में मुठ्ठी भर भी नहीं दिया।
सरकार से आधिकारिक निर्देश पर ही पता चलेगा
वैसे तो 20 करोड़ रुपए कम हैं लेकिन संपूर्ण जानकारी वित्त विभाग से आधिकारिक सूचना आने पर ही पता चलेगी।
– डॉ. एसके ओझा, डीन, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर

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