उपार्जित अवकाश का भुगतान रोकने पर सरकार से जवाब तलब
जोधपुरPublished: Oct 24, 2020 06:54:15 pm
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने विभागीय जांच या आपराधिक मामला लंबित रहने के मामलों में सेवानिवृत्त या पेंशन के पात्र कार्मिकों को उपार्जित अवकाश का भुगतान नहीं करने के आदेश पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
उपार्जित अवकाश का भुगतान रोकने पर सरकार से जवाब तलब
न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ में याचिकाकर्ता कपिल कोठारी व अन्य की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संजीत पुरोहित ने कहा कि याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त तथा पेंशन के पात्र हैं। कुछ ऐसे सेवारत कार्मिक भी हैं, जिन्हें विभागीय जांच विचाराधीन रहने के चलते निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने 13 मार्च को एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार जिन कार्मिकों के खिलाफ किसी अदालत ने सजा का आदेश पारित किया है, वे तब तक उपार्जित अवकाश के भुगतान के पात्र नहीं होंगे, जब तक लंबित अपीलों के निस्तारण के पश्चात पूर्णतया बरी नहीं हो जाते। इसी तरह राजस्थान सिविल सर्विसेज नियम 16 के तहत राजकीय कार्मिक के खिलाफ विभागीय जांच लंबित रहने के दौरान भी उन्हें उपार्जित अवकाश का भुगतान नहीं किया जाएगा। ऐसा भुगतान विभागीय जांच में पूर्णतया बरी होने पर ही देय होगा। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार उपार्जित अवकाश एक कार्मिक एक वर्ष के सेवाकाल के दौरान अर्जित करता है। यह कार्मिक का अधिकार है कि वह इस अवकाश का उपयोग करे या उसके बदले में भुगतान प्राप्त करे। सर्विस रूल्स में वर्णित कुछ अपवादों को छोडक़र किसी कार्मिक के उपार्जित अवकाश का भुगतान नहीं रोका जा सकता। वित्त विभाग का आदेश नियमों के विपरीत और असंवैधानिक है। एकलपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह को नोटिस स्वीकार करने के निर्देश दिए।