– आपसी टकराव वाली बसों के संचालन समय में बदलाव कर आगे पीछे किया जाता है, ताकि यात्री बार बना रहे।
– डिमांड वाले रूट पर नई बसों, घाटा देने वाले, औसत से कम आय और यात्रीभार वाले रूट पर बसों का संचालन घटाया अथवा बदल कर किया जाता है।
– कुछ रूट पर बंद बसें पुन: चलाने और कुछ रूट पर नई बसें संचालित करने का प्रावधान किया जाता है।
– उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर डिपो को आवंटित किलोमीटर चलाकर अधिक राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य दिया जाता है।
आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बसों का संचालन नहीं
जिले के लूणी, शेरगढ़, बिलाड़ा, धुंधाड़ा, रोहिचा कलां, गुढ़ा विश्नोइयान् सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो रहा है। कई क्षेत्रों में केवल मुख्य स्टेशन के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन नहीं होता है। ऐसे में, यात्रियों को निजी बसों व अन्य विकल्प के भरोसे रहना पड़ता है और रोडवेज को राजस्व घाटा उठाना पड़ रहा है।
जिले में रूट व किमी की स्थिति – जिले में बसों का संचालन— 46300 किमी
– जिले में बस संचालन की रूट संख्या- 111
– जोधपुर डिपो में बसें—- 117
– चालक-परिचालकों की कमी- करीब 100 से अधिक
बीआर बेड़ा, मुख्य महाप्रबंधक, रोडवेज डिपो जोधपुर