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जोधपुर

शतायु पाक विस्थापित जमनादेवी की इच्छा पूरी

– मरने से पहले बनना चाहती थी भारतीय नागरिक
– तीन दिन में 160 फाइलें तैयार

जोधपुरJan 12, 2019 / 07:17 pm

Ranveer

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शतायु पाक विस्थापित जमनादेवी की इच्छा पूरी

जोधपुर.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुलामी की जिदंगी जी रही 101 वर्षीय जमनादेवी खुली हवा में सांस लेने के लिए करीब 13 साल पहले परिवार के साथ जोधपुर आ गई थी। उसकी एक ही इच्छा थी कि मरने से पहले वह भारतीय कहलाए। उसकी यह इच्छा शुक्रवार को भारतीय नागरिकता मिलने के साथ पूरी हो गई। इतने उम्रदराज पाक विस्थापित को भारतीय नागरिकता मिलने का संभवत: यह पहला मामला है। सूचना केंद्र में आयोजित तीन दिवसीय शिविर में 160 लोगों की नागरिकता की फाइलें तैयार कि गई। इन्हें कुछ दिन बाद भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। गत वर्ष 115 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई थी। एडीएम (शहर प्रथम) जवाहर चौधरी ने बताया कि शिविर उम्मीद से ज्यादा सफल रहा।
गुलामी से आजाद होने के लिए भारत आए
बनाड़ के नांदड़ा खुर्द में सोढ़ों की ढाणी निवासी आतमराम ने बताया कि उसकी मां जमनादेवी पत्नी कबीराराम का जन्म सन् 1948 में हुआ था। बंटवारे के समय उसके माता-पिता पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चले गए थे। वहां कई साल परिवार के साथ एक जमींदार के खेतों में काम करते हुए गुलामी की जिदंगी जी रहे थे। इससे परेशान होकर सन् 2006 में जमनादेवी मंदिर जाने के बहाने परिवार सहित जोधपुर आ गई। उसकी मां की आखरी इच्छा थी कि मरने से पहले वह भारतीय कहलाए। उन्होंने सन् 2015 में परिवार के 10 सदस्यों के लिए भारतीय नागरिकता का आवेदन किया था। जमना देवी के नागरिकता के दस्तावेज पर शुक्रवार देर रात को जिला कलक्टर ने हस्ताक्षर किए। जमनादेवी का नागरिकता प्रमाण पत्र रविवार उनके पुत्र को दिया जाएगा।
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